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नई दिल्ली: पाकिस्तान की ओर से भारत को जम्मू-कश्मीर पर बातचीत के लिए आमंत्रित करने के संदर्भ में दिए प्रस्ताव को वस्तुत: खारिज करते हुए भारत ने शनिवार को स्पष्ट कर दिया कि वह भारत-पाक संबंधों के ‘समकालीन एवं प्रासंगिक’ मुद्दों पर बातचीत करेगा तथा इस बार इन मुद्दों में पाकिस्तान समर्थित सीमा पार आतंकवाद को रोकने का विषय भी शामिल होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, ‘भारत दोनों देशों के संबंधों में समकालीन और प्रासंगिक मुद्दों पर बातचीत का स्वागत करेगा। इस बार पाकिस्तान समर्थित सीमा पार आतंकवाद और बहादुर अली जैसे आतंकवादियों की घुसपैठ को रोकना भी शामिल होगा।’ उन्होंने कहा, ‘हिंसा और सीमापार आतंकवाद को भड़काना, हाफिज सईद और सैयद सलाहुद्दीन जैसे अंतरररष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी माने गए लोगों के जुलूस निकालने की इजाजत देना और पाकिस्तान में मुंबई हमले की सुनवाई और पठानकोट हमले की जांच को लेकर गंभीरता से आगे बढ़ना इन मुद्दों में शामिल है।’ उनसे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के शुक्रवार के संवाददाता सम्मेलन के बारे में पूछा गया था। अजीज ने कहा था कि पाकिस्तान भारत को जम्मू-कश्मीर पर बातचीत के लिए आमंत्रित करेगा और इस संदर्भ में पाकिस्तानी विदेश सचिव अपने भारतीय समकक्ष को लिखेंगे।

 एक अलग कार्यक्रम में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, ‘अतीत के विपरीत अब हम इस पर सहमति नहीं जता सकते कि आतंकवाद के प्रायोजकों और समर्थकों के साथ बातचीत इस संदर्भ में कार्रवाई के बिना जारी रहनी चाहिये।’

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