नई दिल्ली: खेल मंत्री विजय गोयल की रियो ओलंपिक यात्रा से जुड़े विवाद के बीच राज्यसभा में कांग्रेस के सदस्यों ने उन्हें ब्राजील से बुलाने की प्रधानमंत्री से मांग की और कहा कि यह विषय देश की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है। शून्यकाल में कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने यह मामला उठाया और कहा कि सभी राष्ट्रीय टीवी चैनल कल रात से ही केंद्रीय खेल मंत्री के आचरण के बारे में दिखा रहे हैं। गोयल ओलंपिक खेलों के सिलसिले में ब्राजील गए हुए हैं। बाजवा ने व्यवस्था के प्रश्न के तहत यह मुद्दा उठाना चाहा लेकिन उपसभापति पी जे कुरियन ने इसके लिए उन्हें अनुमति नहीं दी और कहा कि यह व्यवस्था का प्रश्न नहीं है और एक आरोप है। कई सदस्यों ने बाजवा की बात का समर्थन किया और कहा कि यह विषय राष्ट्र की प्रतिष्ठा से जुड़ा मामला है। उन्होंने प्रधानमंत्री से खेल मंत्री को बुलाने की मांग की। इस मुद्दे पर कुछ समय के लिए सदन में हुए हंगामे के दौरान कांग्रेस के कुछ और सदस्यों ने अपनी बात कहने की कोशिश की लेकिन शोरगुल में उनकी बात नहीं सुनी जा सकी। उधर गोयल ने आयोजन समिति द्वारा लगाये गए र्दुव्यवहार के आरोपों का खंडन करते हुए आज कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। रियो ओलंपिक 2016 की आयोजन समिति की उपमहाद्वीपीय मैनेजर सारा पीटरसन ने कल भारत के दल प्रमुख राकेश गुप्ता को लिखे पत्र में बदसलूकी के कारण गोयल का मान्यता पत्र रद्द करने की धमकी दी थी।
उन्होंने कहा था कि गोयल अपने काफिले के साथ आयोजन स्थलों में प्रवेश की कोशिश कर रहे थे जबकि उनके पास वैध पास भी नहीं थे।