नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर के मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों के एक स्वर और भावना व्यक्त करने पर खुशी का इज़हार किया । उन्होंने कश्मीर समस्या के लिए सीमा पार आतंकवाद को जिम्मेदार ठहराया। आज (शुक्रवार) सर्वदलीय बैठक में मोदी ने कहा कि पाकिस्तान के क़ब्ज़े वाला कश्मीर जम्मू एवं कश्मीर का अभिन्न अंग है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 'मैं सभी राजनैतिक दलों के नेताओं का आभारी हूं कि उन्होंने जम्मू और कश्मीर के इलाकों में मौजूदा स्थिति के प्रति अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र द्वारा पिछले छह दशकों से पोषित समृद्ध परंपरा हमारे देश की एकता और अखंडता की सबसे बड़ी ताकत रही है। कुछ मुद्दों पर हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जब देश की अखंडता और संप्रभुता की बात आती है, तब हम एकजुट रहते हैं।' उन्होंने कहा, जम्मू व कश्मीर में हाल ही में हुई घटनाओं से हर भारतीय की तरह, मेरे हृदय को भी काफी गहरा दुख पहुंचा है। मुझे यह देखकर बहुत दुख होता है कि बच्चे अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं, सेब का उत्पादन मंडियों तक नहीं पहुंच पा रहा, दुकानदारों की दैनिक आमदनी नहीं हो रही है और सरकारी कार्यालय लोकहित के कार्य नहीं कर पा रहे हैं। इस स्थिति से सबसे अधिक गरीब प्रभावित हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, हम राजनीतिक कार्यकर्ताओं का अस्तित्व तो लोगों की वजह से ही है. ये हमारी ताकत हैं, हमारी ऊर्जा का स्रोत हैं; वास्तव में, जनशक्ति हमारे सार्वजनिक जीवन का अहम हिस्सा हैं।
चाहे कोई भी हताहत हो, आम नागरिक हों या फिर सुरक्षाकर्मी दुःख हम सब को होता है। उनके परिवारों के साथ मेरी पूरी सहानुभूति है। घायल हुए लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं और साथ ही हम जल्द से जल्द घाटी में शांति स्थापित करना चाहते हैं, ताकि यहां के लोग अपना सामान्य जीवन जी सकें, अपनी रोजी-रोटी कमा सकें, अपने बच्चों को पढ़ा सकें और रात में सुकून से सो सकें। कश्मीर मुद्दे के स्थायी और शांतिपूर्वक हल के लिए प्रतिबद्ध हम कश्मीर के मुद्दे का संविधान के मूलभूत सिद्धांतों के अनुरूप स्थायी और शांतिपूर्वक हल के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम खुले विचारों वाले हैं और हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं। हम पूरे जम्मू और कश्मीर राज्य के हर नागरिक के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। समाधान ढूंढने के लिए, हम अटल बिहारी वाजपेयी जी के द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण करते रहे हैं। मोदी बोले, जम्मू और कश्मीर को भारत का ताज कहा जाता है। असल में जम्मू और कश्मीर सर्व पंथ सम्भाव की सदियों पुरानी प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जहां पर हिन्दू, सिख, बौद्ध एवं मुसलमान सदियों से एक साथ रहते आए हैं। जम्मू-कश्मीर राज्य हमारे नीति निर्माताओं के उस विश्वास का प्रतीक है जो हमे हमारी विविधताएं होते हुए भी, हमें एक भारतीय के रूप में, उजागर करता है। जम्मू और कश्मीर न केवल हमारी क्षेत्रीय अखंडता का मुद्दा है, बल्कि यह हमारी राष्ट्रीयता की परिभाषा भी है। हम इन हक़ीक़तों से इनकार नहीं कर सकते कि सुरक्षा बलों ने हर प्रकार की चोटें सही हैं, उनके ऊपर सुनियोजित हमले हुए हैं, इसके बावजूद भी सुरक्षा बलों ने संयम दिखाया है। आंकड़े बताते हैं कि सुरक्षा बल बड़ी संख्या में घायल हुए हैं। कश्मीरियों ने लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपनी आस्था व्यक्त की। उन्होंने कहा, कुछ तत्वों के दुष्प्रचार के बावजूद, कश्मीर में भ्रम और अशांति फैलाने वालों और बच्चों को उकसाने वालों का प्रतिशत बहुत कम है। हर कश्मीरी अमन चैन चाहता है और लोकतंत्र में विश्वास रखता है. इसलिए, लगातार चुनाव के बाद चुनाव में, कुछ अलगाववादी तत्वों द्वारा दी गई धमकियों के बावजूद, कश्मीर की जनता ने लोकतंत्र के इस पावन पर्व पर भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपनी आस्था व्यक्त की। यहां तक कि वर्तमान अशांति से कुछ दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री महबूबा जी की विधानसभा में जमकर वोट डाले गए तो यह भ्रम फैलाना कि यह जन आंदोलन है यह भी सत्य से एकदम परे है। कुछ इलाकों में, क़ानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ प्रतिबन्ध लगाए गए. यह कानून व्यवस्था को बनाए रखने का एक कानूनी कदम है, अन्यथा शान्तिप्रिय जनसमूह के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। वास्तव में, आम नागरिकों को इतनी परेशानी इन प्रतिबंधों से नहीं हुई, जितनी की अलगाववादी तत्वों द्वारा लगातार दिए जा रहे हड़ताल के कैलेंडर से हुई। प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि इसी दौरान, अमरनाथ यात्रा का सफलतापूर्वक आयोजन होता रहा. साथ ही, लद्दाख में सौर ऊर्जा पर भी राज्य सरकार विशेष कार्य कर रही है। नीट, सेट,और सिविल सर्विसेज परीक्षा का संचालन सुचारू रूप से किया गया। यहां तक कि सभी जरूरत की वस्तुएं आम नागरिकों को उपलब्ध कराई गई. आने वाला समय पर्यटन के लिए सबसे अहम है, साथ ही सेब की फसल भी आने वाली है, जो कि कश्मीर के आम नागरिकों की जीविका के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। कुछ अलगाववादी तत्व इस समय का फायदा उठाकर कश्मीर के अमन और शांतिप्रिय नागरिकों को अनावश्यक बाधा पहुंचाने की चेष्ठा कर रहे हैं।