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नई दिल्ली: एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में अवमानना याचिका दायर कर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की उस अर्जी को चुनौती दी जिसमें राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए प्रत्येक चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग की गई है।

सुप्रीम कोर्ट 11 मार्च को करेगा सुनवाई

एडीआर ने चुनावी बॉन्ड मामले में भारतीय स्टेट बैंक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अवमानना याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील प्रशांत भूषण से ई-मेल भेजने को कहा और 11 मार्च को अवमानना याचिका सूचीबद्ध करने का आश्वासन दिया।

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से अदालत में पेश हुए वकील प्रशांत भूषण की इस दलील पर गौर किया कि वह मामले में अवमानना की कार्यवाही शुरू करना चाहते हैं।

भूषण ने कहा कि एसबीआई की याचिका को 11 मार्च को सूचीबद्ध किए जाने की संभावना है और अवमानना आवेदन पर भी एक साथ सुनवाई की जानी चाहिए। सीजेआई ने कहा, "कृपया एक ईमेल भेजें। मैं आदेश पारित करूंगा"।

एसबीआई ने 4 मार्च को शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक का विस्तार करने की मांग की गई। शीर्ष अदालत ने पिछले महीने अपने फैसले में एसबीआई को छह मार्च तक चुनाव आयोग को विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

एडीआर के अधिवक्ता ने कहा, "एसबीआई ने जानबूझकर इस माननीय न्यायालय की संविधान पीठ द्वारा पारित फैसले की अवज्ञा की है, और यह न केवल नागरिकों के सूचना के अधिकार को नकारता है, बल्कि इस माननीय न्यायालय के अधिकार को भी कमजोर करता है।"

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