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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 75,021 करोड़ रुपये के खर्च के साथ एक करोड़ घरों में रूफटॉप सोलर लगाने के लिए पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 फरवरी, 2024 को इस योजना की शुरुआत की थी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी दी है।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आज पीएम मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक हुई। इसी बैठक के दौरान 'पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना' को आज मंजूरी दी गई। इस योजना के तहत एक करोड़ परिवारों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी। प्रत्येक घर को 1 किलोवाट प्रणाली के लिए 30,000 रुपये और 2 किलोवाट प्रणाली के लिए 60,000 रुपये की सब्सिडी मिल सकती है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खरीफ सीजन 2024 के लिए पीएंडके उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी को मंजूरी दी।

तीन सेमीकंडक्टर इकाइयां स्थापित करने के प्रस्तावों को भी मंजूरी

केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल ने गुजरात और असम में 1.26 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ तीन सेमीकंडक्टर इकाइयां स्थापित करने के प्रस्तावों को भी गुरुवार को मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा प्रस्तावों को मंजूरी देने के बाद दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सभी तीन इकाइयों का निर्माण अगले 100 दिनों के भीतर शुरू हो जाएगा।

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प (पीएसएमसी), ताइवान के साथ साझेदारी में एक सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करेगा। इस यूनिट का निर्माण गुजरात के धोलेरा में किया जाएगा। इस संयंत्र में 91,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड 27,000 करोड़ रुपये के निवेश पर असम के मोरीगांव में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करेगी।

वैष्णव ने यह भी बताया कि सीजी पावर जापान के रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन और थाईलैंड के स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स के साथ साझेदारी में गुजरात के साणंद में सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करेगी। साणंद इकाई में 7,600 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान है।

बाघों के संरक्षण के लिए आईबीसीए के गठन को कैबिनेट की हरी झंडी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बाघों के संरक्षण के लिए एक वैश्विक नेटवर्क स्थापित करने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) के गठन को भी गुरुवार को मंजूरी दे दी। भारत-मुख्यालय वाले इस गठबंधन की कल्पना 96 बिग कैट रेंज देशों और अन्य के बहु-देशीय, बहु-एजेंसी गठबंधन के रूप में की गई थी। इसकी परिकल्पना बाघों के संरक्षण के लिए एक साझा मंच स्थापित करने के लिए की गई थी।

सात बाघों (बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता) में से पांच– बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ और चीता– भारत में पाए जाते हैं। मंत्रिमंडल ने 2023-24 से 2027-28 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए आईबीसीए के लिए 150 करोड़ रुपये के एकमुश्त बजटीय समर्थन को मंजूरी दी है। बाघों, अन्य बड़ी बिल्लियों और इसकी कई लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण में भारत की अग्रणी भूमिका को स्वीकार करते हुए, पीएम नरेंद्र मोदी ने वैश्विक बाघ दिवस, 2019 पर अपने भाषण के दौरान एशिया में अवैध शिकार को रोकने के लिए वैश्विक नेताओं के गठबंधन का आह्वान किया था। आईबीसीए का उद्देश्य बाघों के संरक्षण एजेंडा को आगे बढ़ाने में पारस्परिक लाभ के लिए देशों के बीच सहयोग करना है।

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