चंडीगढ़: न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की गारंटी समेत कई मांगों को लेकर पंजाब के किसान 10 दिनों से धरना दे रहे हैं। सरकार से चौथे दौर की बातचीत फेल होने के बाद किसानों ने 21 फरवरी (बुधवार) को दिल्ली मार्च की तैयारी की थी। हालांकि, एक किसान की मौत के बाद किसान संगठनों ने दिल्ली मार्च का प्लान टाल दिया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा की चंडीगढ़ में हुई मीटिंग के बाद शुक्रवार को देश भर में ब्लैक डे मनाने का एलान किया है। 26 फरवरी को ट्रैक्टर मार्च और 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में महापंचायत होगी। वहीं, दिल्ली मार्च पर फैसला शुक्रवार को लिया जाएगा।
किसान आंदोलन के 10वें दिन शंभू और खनौरी बॉर्डर पर हालात सामान्य हैं। किसान शुभकरण की मौत के बाद किसानों ने 23 फरवरी को आक्रोश दिवस मनाने का एलान किया है। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर का इस्तीफा मांगा है।
खनौरी बॉर्डर पर बुधवार को किसानों और पुलिस के बीच टकराव हुआ था। इस दौरान युवा किसान शुभकरण (21) की मौत हो गई थी। हालांकि, किसान की मौत कैसे हुई, इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। पुलिस के मुताबिक, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों की वजह साफ हो पाएगी।
फिलहाल किसानों ने शुभकरण का पोस्टमार्टम को रोक दिया है। उनकी मांग है कि जब तक सरकार आर्थिक मुआवजे की घोषणा नहीं करेगी, तब तक पोस्टमार्टम नहीं होनें देंगे। किसान नेताओं ने शुभकरण को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग भी की है।
युवा किसान शुभकरण की मौत के बाद ने किसानों ने उनकी फोटो लेकर नारेबाजी की। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता राकेश टिकैत ने कहा, "आज संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक है। इस बैठक में किसानों के विरोध प्रदर्शन, पंजाब की सीमाओं पर हो रही घटनाओं और एमएसपी पर कानून के मुद्दे पर चर्चा होगी।"
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, ''जिस तरह से केंद्र ने हमारे क्षेत्र में घुसकर हमला किया, हमारे ट्रैक्टर और ट्रकों में तोड़फोड़ की, पंजाब सरकार को उनके खिलाफ 302 का मामला दर्ज करना चाहिए... हमारे पास सबूत हैं कि पंजाब सरकार ने हमारा 'लंगर' बंद कर दिया। पंजाब सरकार को हमारे बारे में अपना रुख साफ करना चाहिए।"
शुभकरण की मौत के बाद भारतीय किसान यूनियन (कादियां) ने जालंधर-लुधियाना की सीमा पर फिल्लौर में जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे 2 घंटे के लिए जाम किया। हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू चढ़ूनी) के कार्यकर्ता भी रोड जाम कर धरने पर बैठे।
खनौरी बॉर्डर पर जान गंवाने वाले युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है। मोहाली के एडवोकेट हरिंदर सिंह ने लगाकर आंसू गैस के गोलों और पैलेट गन पर सवाल उठाए हैं। हाईकोर्ट में इस मामले की 29 फरवरी को सुनवाई करेगा।
किसान आंदोलन को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में नई पिटीशन दायर हुई है। पंचकूला के वकील ने पिटीशन में कहा कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर माहौल खराब है। हाईकोर्ट में यह चौथी जनहित याचिका है। हाईकोर्ट ने कहा कि 29 फरवरी को इन सभी पिटीशन पर सुनवाई होगी।
हरियाणा की बीकेयू (चढूनी ग्रुप) के प्रदेश प्रवक्ता राकेश बैंस ने कहा कि उनकी यूनियन शुक्रवार को मीटिंग करेगी, जिसमें फैसला लिया जाएगा कि आंदोलन में कैसे मदद करनी है। उन्होंने कहा कि सब किसान संगठनों को एक जुट होकर चलना होगा, तभी हम जीत हासिल कर सकते हैं।
पंजाब के वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि केंद्र के खिलाफ मोर्चे में कई किसान घायल हो रहे हैं। पंजाब सरकार के जो विधायक या मंत्री डॉक्टर हैं, वे किसान मोर्चों पर कैंप लगाएंगे। कैंप में चमकौर साहिब से डॉ. चरणजीत सिंह, मंत्री डॉ. बलबीर सिंह और मंत्री डॉ. बलजीत कौर सभी वहां कैंप लगाएंगे।