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श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश): भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शाम 5.35 बजे मौसम संबंधी सैटेलाइट इनसेट-3डीएस को लॉन्च किया है। आधुनिक तकनीकों से लैस यह सैटेलाइट मौसम पूर्वानुमान और प्राकृतिक आपदा चेतावनियों का अध्ययन करेगा। 2024 में इसरो का यह दूसरा मिशन है। श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण यान जीएसएलवी-एफ14 ने मौसम उपग्रह के साथ उड़ान भरी है।

51.7 मीटर लंबा जीएसएलवी-एफ14 यहां स्पेसपोर्ट पर दूसरे लॉन्च पैड से दहाड़ के साथ शानदार तरीके से आगे बढ़ा। इस पर यहां गैलरी में जमा हुए दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट देखी गई, यहां लोग काफी उत्साहित थे।

इस उपग्रह का उद्देश्य पृथ्वी की सतह और समुद्री अवलोकनों के अध्ययन को बढ़ावा देना है। 51.7 मीटर लंबा जीएसएलवी-एफ14 रॉकेट यहां से प्रक्षेपित किया गया।

इसरो ने कहा कि 2,274 किलोग्राम वजनी सैटेलाइट भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) सहित पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत विभिन्न विभागों को सेवा प्रदान करेगा। 1 जनवरी को पीएसएलवी-सी58/एक्सपोसैट मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद 2024 में इसरो के लिए यह दूसरा मिशन है।

इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा, "मुझे मिशन जीएसएलवी-एफ14 इनसेट-3डीएस की सफल उपलब्धि की घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है। अंतरिक्ष यान को बहुत अच्छी कक्षा में स्थापित किया गया है। हमने यह भी नोट किया है कि यान ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। टीम का हिस्सा रहे सभी लोगों को बधाई।"

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