नई दिल्ली: आंदोलन के जरिए किसान सरकार से अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। वहीं कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने उन्हें शांति बनाए रखने और बातचीत करते रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि किसी भी समस्या को बातचीत से सुलझाया जा सकता है। हमारे देश के किसान हमारे परिवार के हैं और उनके लिए जो हो सकता है, हम वो काम कर रहे हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि जब तक कोई समाधान नहीं निकल जाए, हम बातचीत का दौर जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि तीसरी बार की बातचीत हुई है और किसानों की मांगों से संबंधित हमने सभी विषयों को सुना है और चर्चा की है, बातचीत अभी भी जारी है। किसी का अहित ना हो, उसको लेकर भी हम ध्यान रख रहे हैं।
अर्जुन मुंडा ने कहा कि हमने किसानों की बातें सुनी है और उसका समाधान निकले उसकी हमारी कोशिश है। उन्होंने कहा, इसे राजनीतिक दृष्टि से नहीं देखें और अगर कांग्रेस इसे राजनीतिक दृष्टि से देख रही है, तो वो अपना टाइम भी याद करे, जब उनकी सरकार थी, तब उन्होंने क्या किया था।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "किसानों और सरकार के बीच ये तीसरी बैठक थी। कई मुद्दे और विषय उठाए गए। अगर हम शांतिपूर्ण ढंग से बातचीत को आगे बढ़ाएंगे तो हम निश्चित रूप से किसी नतीजे पर पहुंचेंगे। मुझे उम्मीद है कि हम जल्द ही कोई समाधान निकाल लेंगे। रविवार को किसानों के साथ एक और बैठक होगी। हम उस बैठक में चीजों पर चर्चा करेंगे और समाधान निकालेंगे।''
उन्होंने कहा, "हम किसानों और किसान संगठनों के साथ लगातार बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं। इसे राजनीतिक दृष्टि से ना देखा जाए तो बेहतर है। यदि कांग्रेस इसे राजनीतिक दृष्टि से देख रही है तो उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जो विषय आज सामने आ रहे हैं, उन पर उन्होंने तब निर्णय क्यों नहीं लिए?"
कांग्रेस ने प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ पुलिस के कथित बल प्रयोग की निंदा करते हुए कहा था कि सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने समेत किसानों की सभी मांगें स्वीकार करनी चाहिए। पार्टी के प्रकोष्ठ अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के प्रमुख सुखपाल सिंह खैरा ने आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार ने किसानों के वादाखिलाफी की है।
कांग्रेस ने कहा, ‘‘मोदी सरकार ने किसान संगठनों से वादा किया था कि एमएसपी को कानूनी गारंटी देंगे, तीनों काले कृषि कानून रद्द होंगे, किसानों पर दर्ज मुकदमें वापस होंगे, शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा व बच्चों को नौकरी देंगे, बिजली संशोधन विधेयक वापस लेंगे। दो साल से ज्यादा होने पर भी मोदी सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए। ऐसे में किसानों-खेत मजदूरों के पास दिल्ली कूच के सिवाए क्या रास्ता बचा था।''
कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘‘भाजपा सरकार के मंत्री कहते हैं कि बातचीत करके मसला हल होगा। जब बातचीत से मामला हल होना था, तो 3 साल तक किसानों से क्यों बात नहीं की गई? सरकार किसानों का कर्ज क्यों माफ नहीं करती?''