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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट सत्रकसभा में सोमवार (05 फरवरी) को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपना संबोधन दिया। पीएम मोदी ने विपक्षी दलों के साथ साथ कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए परिवारवाद को लेकर बीजेपी का रुख साफ किया। साथ ही विपक्ष के जातिगत जनगणना के नेरेटिव पर निशाना साधते हुए कहा कि वो खुद ओबीसी हैं।

मामले पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया दी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री इस बीच अक्सर कह रहे थे देश में सिर्फ दो जातियां हैं। अमीर और गरीब, मगर आज संसद में उन्होंने खुद को ‘सबसे बड़ा ओबीसी‘ बताया। किसी को छोटा और किसी को बड़ा समझने की इस मानसिकता को बदलना जरूरी है।‘

उन्होंने आगे कहा, ‘ओबीसी हों, दलित हों या आदिवासी, बिना गिनती के उन्हें आर्थिक और सामाजिक न्याय नहीं दिलाया जा सकता। मोदी जी इधर-उधर की इतनी बातें करते हैं, तो गिनती से क्यों डरते हैं।‘

दरअसल राहुल गांधी लगातार जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं और समय-समय पर वो इस मांग को उठाते रहते हैं।

ओबीसी को लेकर कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर

कांग्रेस और राहुल गांधी की ओर से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को लेकर मोदी सरकार पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। राहुल गांधी ने पूछा भी था कि मोदी सरकार में कितने ओबीसी अधिकारी हैं। इसको लेकर पीएम मोदी ने संसद में जवाब देते हुए कहा, ‘कांग्रेस औऱ यूपीए सरकार ने कभी भी ओबीसी के साथ न्याय नहीं किया। इन लोगों ने ओबीसी नेताओं का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।‘

उन्होंने आगे कहा, ‘कांग्रेस को अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग बर्दाश्त नहीं होते। कांग्रेस के कई साथियों को इस बात की भी चिंता है कि सरकार में कितने ओबीसी लोग हैं, वो लोग तो गिनती करते रहते हैं कि सरकार में कितने ओबीसी हैं लेकिन मैं तो हैरान हूं कि उनको इतना बड़ा ओबीसी नजर ही नहीं आता।‘

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