नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में देश के 17 करोड़ मुसलमानों के मन में अविश्वास पैदा हो गया है। वे सोचते हैं कि आज उनकी पहचान खतरे में है।
ओवैसी ने कहा, आज देश के मुसलमानों का हालत ऐसी हो गई है, जैसे हिटलर के दौर में यहूदियों की हुआ करती थी। उन्होंने बताया कि स्कूल में सबसे ड्रॉप आउट और स्कूल में सबसे कम एनरोलमेंट मुसलमानों में है। वहीं, सरकार ने मुसलमानों के बच्चो को मिलने वाली स्कॉलरशिप को कम कर दिया।
'पुजारी सम्राट बन चुके प्रधानमंत्री'
ओवैसी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा और कहा, "लगता है पीएम मोदी पुजारी सम्राट बन चुके हैं। देश के राष्ट्रपति ने कहा था 22 जनवरी एक ऐतिहासिक दिन है, यह तारीखी दिन इसलिए है, क्योंकि इसकी बुनियाद 6 दिसंबर को रखी गई थी।
उन्होंने कहा, इस सरकार ने लोकतंत्र को खोखला कर दिया और एक शख्स, एक मजहब, एक जुबान और एक विचारधारा को मजबूत कर दिया गया है।"
उन्होंने कहा, "कोई भी सरकार और पार्टी सिर्फ जबरदस्ती से कायम नहीं रह सकती है। प्रधानमंत्री एक नया इतिहास लिखना चाहते हैं कि मैंने गांधी और आंबेडकर के देश को हिंदु राष्ट्र बना दिया। मैं उम्मीद करता हूं कि हमारे हिंदू भाई प्रधानमंत्री की इस सोच को नाकाम करेंगे।"
'8 दिन में प्रोटेस्ट होगा शुरू'
एआईएमआईएम नेता ने सीएए को लेकर कहा, "एक केंद्रीय मंत्री ने बयान दिया कि हम 8 दिन में सीएए लागू करने वाले हैं.।आप 8 दिन में इसे लागू करेंगे और 8 दिन में प्रोटेस्ट शुरू हो जाएगा। आप इसे धर्म से अलग कर दें। आप सीमांचल के मुसलमानों को बांग्लादेशी कहते हैं। एक मंत्री मुझे घुसपैठी और रोहिंग्या बोलता है।"
उन्होंने कहा, "मुझे आज भी देश के रूल ऑफ लॉ पर भरोसा है। महरौली में 600 साल पुरानी मस्जिद को बिना नोटिस दिए ध्वस्त कर दिया। आप हर मस्जिद को छीनना चाहते हैं। आप 1991 के वर्शिप एक्ट की बात क्यों नहीं करते। आप बस 500 साल की बात करते हैं, उससे पहले जैनिज्म और बौद्धिज्म पर जाइए। पहले लोकतंत्र नहीं था, बादशाहत थी।"