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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: सरकार ने बजट सत्र से पहले मंगलवार को संसद में विभिन्न दलों के फ्लोर नेताओं की बैठक बुलाई है। यह एक पारंपरिक बैठक है जो हर साल बजट सत्र से पहले होती है। इस बैठक में सरकार राजनीतिक दलों से संसद में उठाने वाले मुद्दों पर चर्चा करती है। साथ ही सरकार उन्हें अपने एजेंडे के बारे में जानकारी प्रदान करती है और उनका सहयोग मांगती है।

सीतारमण पेश करेंगी अंतरिम बजट

लोकसभा चुनाव से पहले यह बजट सत्र 31 जनवरी को आरंभ होकर 9 फरवरी को समाप्त होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा चुनाव से पहले अंतरिम बजट पेश करेंगी। चुनाव के बाद नई सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन के साथ बजट सत्र की शुरुआत होगी। पिछले साल के बजट सत्र में दो भाग शामिल थे, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों के लिए कुल 25 बैठकें थीं।

जिस साल देश में लोकसभा के चुनाव होने वाले होते हैं उस साल अंतरिम बजट पेश किया जाता है। यह बजट देश की अर्थव्यवस्था को बिना किसी परेशानी के आगे बढ़ाने में मदद करता है।

इस बजट में पूरे साल की जगह पर आगामी वित्त वर्ष के कुछ महीनों को कवर किया जाता है।

यह बजट इस बात को सुनिश्चित करता है कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम या सेवाएं बिना किसी रोक के चलते रहे। बता दें कि इस बजट में कोई नई योजना की घोषणा नहीं की जाती है। इसमें सिर्फ चल रही स्कीम या योजनाओं के लिए राशि आवंटित की जाती है।

आसान भाषा में समझे तो यह एक तरह का अस्थायी बजट होता है। यह केवल दो महीने के लिए वैध होता है पर जरूरत पड़ने पर इसकी समयसीमा बढ़ाई जा सकती है। अंतरिम बजट का उद्देश्य होता है कि नई सरकार को एक सुरक्षित स्थिति देना ताकि वह अच्छे शुरुआत कर सकें।

 

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