नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव से पहले भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उच्च शिक्षा में जाति-आधारित आरक्षण को खत्म करने के लिए आरएसएस-बीजेपी पर साजिश करने का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने कहा है कि कांग्रेस ऐसा कभी नहीं होने देगी।
एजुकेशन पैनल की ड्राफ्ट सिफारिशों पर बोले राहुल
बता दें कि शिक्षा मंत्रालय ने केंद्रीय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के एससीए, एसटी या ओबीसी के शिक्षकों के पदों के खाली रहने पर जरूरत के मुताबिक उन्हें अनारक्षित करने के दिसा-निर्देशों के मसौदे पर अमल करने से साफ इंकार कर दिया है। यूजीसी अध्यक्ष ने भी अब तक खाली पड़े पदों को जल्द से जल्द भरने की बात कही है।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आरएसएस-बीजेपी पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुल 7000 आरक्षित पदों में 3000 पद खाली हैं। आरएसएस-बीजेपी पहले ही आरक्षण की समीक्षा की बात कर चुके हैं, वे अब उच्च शिक्षा संस्थानों में इन (पिछड़े) वर्गों की नौकरियां छीनना चाहते हैं।‘‘
केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि यह कदम सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष कर रहे लोगों के सपनों की हत्या की कोशिश है। राहुल ने लिखा, ‘यह बीजेपी का चरित्र है। ये प्रतीकात्मक न्याय और वास्तविक न्याय के बीच का अंतर है। कांग्रेस ऐसा कभी नहीं होने देगी। हम सामाजिक न्याय के लिए लड़ना जारी रखेंगे। हम ये सुनिश्चित करेंगे कि योग्य उम्मीदवार इन खाली पदों को भरें।‘
एजुकेशन पैनल की ड्राफ्ट की सिफारिशों के मुताबिक, ‘आरक्षित खाली पदों को गैर-आरक्षण की प्रक्रिया का पालन करके अनारक्षित घोषित किया जा सकता है। इसके बाद इन पदों को अनारक्षित खाली पदों के रूप में भरा जा सकता है।‘ ऐसे पदों को भरने की प्रक्रिया के बारे में ड्राफ्ट में कहा गया है, ‘सीधी भर्ती के मामले में आरक्षित रिक्तियों को अनारक्षित करने पर सामान्य प्रतिबंध है। हालांकि, दुर्लभ और असाधारण मामलों में जब समूह ए सेवा में एक रिक्ति को सार्वजनिक हित में खाली रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, तो संबंधित विश्वविद्यालय आरक्षित रिक्तियों को अनारक्षित बनाने के लिए प्रस्ताव ला सकती है।‘
इसके लिए कुछ शर्तें भी दी गई हैं:-
प्रस्ताव में पद को भरने के लिए किए गए प्रयासों को सूचीबद्ध करना जरूरी होगा। किन कारणों से इसे रिक्त रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती और अनारक्षित करने का उद्देश्य भी संबंधित विश्वविद्यालय को बताना होगा। एजुकेशन पैनल के ड्राफ्ट में दिए गए दिशा.निर्देशों ने एक बड़े विवाद को जन्म दिया। इसकी कांग्रेस ने कड़ी आलोचना की है। इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बीजेपी पर आरक्षण खत्म करने की साजिश का आरोप लगाया था।
कांग्रेस के हंगामे के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक भी आरक्षित पद अनारक्षित नहीं किए जाने का भरोसा दिया है। उन्होंने मीडिया से कहा, ‘‘केंद्रीय शैक्षिक संस्थान (शिक्षक कैडर में आरक्षित) अधिनियम, 2019 के बाद अस्पष्टता की कोई गुंजाइश नहीं है।‘‘