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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्‍ली: राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। अब पीएम मोदी ने उनके पत्र के लिए आभार जताया और कहा कि अयोध्‍या में अपने जीवन के सबसे अविस्‍मरणीय क्षणों का साक्षी बनकर लौटने के बाद आपको यह पत्र लिख रहा हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि जिस समय मुझे आपका पत्र मिला, मैं अलग ही भावयात्रा में था। साथ ही उन्‍होंने कहा कि आपके पत्र ने मुझे, मेरे मन की इन भावनाओं को संभालने में, उनसे सामंजस्‍य बिठाने में अपार सहयोग और संबल दिया। उन्‍होंने कहा कि ये प्रभु श्रीराम ही तो हैं, जिन्‍होंने अपने जीवन के हर अध्‍याय में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्‍वास और सबका प्रयास की प्रेरणा दी है।

पीएम मोदी ने लिखा, "मैंने एक तीर्थयात्री के रूप में अयोध्‍या धाम की यात्रा की। जिस पवित्र भूमि पर आस्‍था और इतिहास का ऐसा संगम हुआ हो, वहां जाकर मेरा मन अनेक भावनाओं से विह्वल हो गया।" पीएम मोदी ने राष्‍ट्रपति को लिखे पत्र को एक्‍स पर भी पोस्‍ट किया है।

उन्‍होंने कहा, "ऐसे ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनना एक सौभाग्‍य भी है और एक दायित्‍व भी है। आपने मेरे 11 दिन के व्रत-अनुष्‍ठान और उससे जुड़े यम-नियमों के विषय में भी चर्चा की थी। हमारा देश ऐसे अनगिनत लोगों का साक्षी रहा है, जिन्‍होंने शताब्दियों तक अनेक संकल्‍प व्रत किए जिससे रामलला पुन: अपने जन्‍मस्‍थान पर विराज सकें।"

रामलला के स्‍वागत का अप्रतिम क्षण: पीएम मोदी

साथ ही पीएम मोदी ने कहा, "140 करोड़ देशवासियों के साथ रामलला के साक्षात दर्शन, उनके रूप से साक्षात्‍कार और उनके स्‍वागत का वो क्षण अप्रतिम था। वो क्षण प्रभु श्रीराम और भारत के लोगों के आशीर्वाद से ही संभव हुआ और मैं इसके लिए सदा कृतज्ञ रहूंगा।"

'वंचित वर्ग के लिए काम करने की सीख दी'

उन्‍होंने कहा, "आपने पत्र में पीएम जनमन और जनजातीय समाज में भी अति पिछड़ों के सशक्तिकरण पर इस योजना के प्रभाव की चर्चा की। आदिवासी समाज से जुड़े होने के कारण आपसे ज्‍यादा बेहतर तरीके से ये कौन समझ सकता है। हमारी संस्‍कृति ने हमेशा, हमें समाज के सबसे वंचित वर्ग के लिए काम करने की सीख दी है। पीएम जनमन जैसे कई अभियान आज देशवासियों के जीवन में बड़ा बदलाव ला रहे हैं।"

सफलता और विकास के नव प्रतिमान गढ़ने की प्रेरणा

उन्‍होंने कह, "प्रभु श्रीराम के शाश्‍वत विचार, भारत के गौरवशाली भविष्‍य का आधार हैं। इन विचारों की शक्ति ही, हम सभी देशवासियों के लिए वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने का मार्ग प्रशस्‍त करेगी। श्रीराम का भव्‍य मंदिर हमें सफलता और विकास के नव प्रतिमान गढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा।"

'अयोध्‍या मुझसे कभी दूर नहीं हो सकती'

साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि मैं एक अयोध्‍या अपने मन में लेकर लौटा हूं। एक ऐसी अयोध्‍या जो मुझसे कभी दूर नहीं हो सकती।

राष्‍ट्रपति ने अपने पत्र में लिखा था यह

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को अपने पत्र में लिखा था कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर देश भर में जश्न का माहौल भारत की शाश्वत आत्मा की निर्बाध अभिव्यक्ति और देश के पुनरुत्थान में नए चक्र की शुरुआत है। उन्‍होंने कहा, ‘‘जैसा कि आपने अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थान पर बने नए मंदिर में प्रभु श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए जाने के वास्ते खुद को तैयार किया है। मैं केवल उस अद्वितीय सभ्यतागत यात्रा की कल्पना कर सकती हूं, जो पवित्र परिसर में आपके द्वारा उठाए गए प्रत्येक कदम के साथ पूरी होगी।''

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