ताज़ा खबरें

नई दिल्ली: चालबाज चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भी वह एलएसी पर कब्जा जमाने की पूरी तरह से फिराक में है। भारत के साथ चल रहे सीमा तनाव के बीच ड्रैगन ने एलएसी पर 2022 से अपनी सैन्य उपस्थिति और बुनियादी ढांचा निर्माण बढ़ा दिया है। ये दावा अमेरिका के पेंटागन की एक रिपोर्ट में किया गया है। 'मिलिट्री एंड सिक्योरिटी डेवलपमेंट्स इनवॉल्विंग द पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना' रिपोर्ट 2023 के मुताबिक, एलएसी के साथ ही बीजिंग के बुनियादी ढांचा को बढ़ावा देने के लिए अंडरग्राउंड स्टोरेज सुविधाएं, नई सड़कें, दोहरे उद्देश्य वाला हवाई अड्डा और कई हेलीपैड बनाए जा रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन के बीच एलएसी पर साल 2023 से चल रहे तनाव के बीच भारत और पीसीआर के बीच सीमा सरहदबंदी को लेकर अलग-अलग धारणाएं हैं। दोनों पक्षों द्वारा हालही में कराया गया बुनियादी ढांचा निर्माण दोनों के बीच कई झड़पों का कारण बना है। वहीं एलएसी पर सैन्य जमावड़ा भी दोनों के बीच गतिरोध का बड़ा कारण माना जा रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि गलवान घाड़ी झड़प के जवाब में चीन की वेस्टर्न थिएटर कमांड ने एलएसी पर बड़े पैमाने पर लामबंदी और सैन्य तैनाती लागू की है।

चीन एलएसी के पास बढ़ा रहा है बुनियादी ढांचा

यह तैनाती इस साल तक जारी रहने की संभावना है। बता दें कि गलवान झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। रिपोर्ट इस ओर भी इशारा करती है कि भारत और चीन के बीच बातचीत में ज्यादा प्रगति नहीं हुई, क्योंकि दोनों पक्षों ने सीमा पर अपना-अपना दावा नहीं छोड़ना चाहते हैं। एलएसी के साथ बीजिंग के बुनियादी ढांचे के निर्माण को सूचीबद्ध करते हुए, पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में, चीन ने एलएसी के साथ सैन्य बुनियादी ढांचे का विकास जारी रखा। चीन ने डोकलाम के पास भूमिगत भंडारण सुविधाएं, एलएसी के सभी तीन क्षेत्रों में नई सड़कें, विवादित क्षेत्रों में नए गांव बनवाना शामिल हैं, साथ ही पड़ोसी भूटान के क्षेत्र, पैंगोंग झील पर एक नया पुल, केंद्र क्षेत्र के पास एक दोहरे उद्देश्य वाला हवाई अड्डा और कई हेलीपैड भी इसमें शामिल हैं।

एलएसी पर नहीं हुआ कोई अतिक्रमण: राजनाथ सिंह

रिपोर्ट में सैन्य तैनाती पर कहा गया है कि चीन ने 2022 में एलएसी के पश्चिमी क्षेत्र में रिजर्व में चार संयुक्त हथियार ब्रिगेड के साथ झिंजियांग और तिब्बत सैन्य जिलों के दो डिवीजनों द्वारा समर्थित एक सीमा रेजिमेंट को तैनात किया। चीन ने इतनी ही तैनाती अन्य थिएटर कमांडों से पूर्वी क्षेत्र में तीन हल्के-से-मध्यम सीएबी और एलएसी के केंद्रीय क्षेत्र में अतिरिक्त तीन सीएबी में की। तैनात बलों का ज्यादातर हिस्सा अभी भी एलएसी पर ही मौजूद है।

इस साल जून में नरेंद्र मोदी सरकार पर विपक्ष के आरोप का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत मुद्दों को सुलझाने के लिए सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर चीन से बात कर रहा है। सरकार कभी भी भारत की सीमाओं की पवित्रता का उल्लंघन नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि साल 2013 के बाद से एलएसी पर कुछ गतिविधियां हुई हैं, लेकिन उन्होंने इन दावों को सिरे से खारिज किया कि बीजेपी सरकार बनने के बाद एलएसी पर कोई महत्वपूर्ण बदलाव या अतिक्रमण हुआ है। पेंटागन की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन के पास 500 से ज्यादा ऑपरेशन न्यूक्लेयर हथियार हैं और 2030 तक यह बढ़कर 1,000 से ज्यादा हो जाएंगे। चीनी नौसेना, पहले से ही दुनिया में सबसे बड़ी है और भी तेजी से बढ़ रही है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख