नई दिल्ली: इजरायल और फलस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास के बीच चल रही जंग को लेकर देश में बयानबाजी जारी है। मामले को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के चीफ शरद पवार के रुख पर बीजेपी ने हमला किया तो उन्होंने शुक्रवार (20 अक्टूबर) को पलटवार किया। पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने सोशल मीडिया एक्स पर बयान शेयर करते हुए इसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की टिप्पणी का जिक्र किया है।
उन्होंने कहा कि इजरायल-फलस्तीन पर उनकी टिप्पणी को लेकर जिन बीजेपी नेताओं ने उनकी आलोचना की थी वो राजा के प्रति ज्यादा वफादार हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फलस्तीन को सहायता जारी रखने वाले बयान का स्वागत करते हुए उनकी सराहना की।
शरद पवार ने कहा, ''मैंने पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक की इजरायल और फलस्तीन के मुद्दे पर रखी राय जैसे विचार दिए थे। ये लोग विवाद का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान चाहते थे।
उन्होंने कहा, इजरायल और फलस्तीन एक-दूसरे के पड़ोसी के रूप में शांति और सद्भाव से रह सकें। मैं इजरायल-फलस्तीन मुद्दे पर भारत के पिछले प्रधानमंत्रियों के अपनाए गए रुख का समर्थन करने के लिए पीएम मोदी की सराहना करता हूं।''
उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि जिन बीजेपी नेताओं ने मेरे बयान को गलत समझा वे ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर देश के रुख को समझेंगे।
पीएम मोदी ने क्या कहा है?
पीएम मोदी ने गुरुवार (19 अक्टूबर) को कहा, ''फलस्तीन प्राधिकरण के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के साथ बातचीत की। इस दौरान मैंने गाजा के अल अहली अस्पताल में नागरिकों की मौत पर अपनी संवेदना व्यक्त की। हम फलस्तीन के लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजना जारी रखेंगे। हमने क्षेत्र में आतंकवाद, हिंसा और बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर अपनी गहरी चिंता साझा की है। हमने इजरायल-फलस्तीन मुद्दे पर भारत की लंबे समय से चली आ रही सैद्धांतिक स्थिति को दोहराया।''
पीयूष गोयल और हिमंत बिस्व सरमा ने क्या कहा था?
पीयूष गोयल ने हाल ही में सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ''ये बहुत परेशान करने वाला है कि शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता इजरायल पर हुए आतंकी हमले पर भारत के रुख को लेकर बेतुके बयान देते हैं। दुनिया के किसी भी हिस्से में आतंकवाद के खतरे की सभी रूपों में निंदा की जानी चाहिए। यह अफसोस की बात है कि वो व्यक्ति (शरद पवार) जो देश के रक्षा मंत्री और कई बार मुख्यमंत्री रहे हैं वो आतंक से जुड़े मामले में इतना अनौपचारिक दृष्टिकोण रखते हैं।''
वहीं हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि मुझे लगता है कि शरद पवार को सुप्रिया सुले को गाजा में हमास से लड़ाई करने के लिए भेज देना चाहिए।