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नई दिल्ली: रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों से घिरीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने दर्शन हीरानंदानी के आरोपों के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। इस पोस्ट में महुआ मोइत्रा ने कई बड़े दावे किए हैं और पीएमओ पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

महुआ मोइत्रा ने लिखा कि तीन दिन पहले हीरानंदानी ग्रुप ने एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी, जिसमें उन्होंने सभी आरोपों को आधारहीन बताया था। अब एक हलफनामा मीडिया में लीक हो रहा है, जो किसी लेटरहेड पर नहीं है और ये भी नहीं पता है कि यह कहां से लीक हुआ है। जिसे लेकर कुछ गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

महुआ मोइत्रा ने प्रेस विज्ञप्ति में पूछा कि सीबीआई और संसद की नैतिक समिति ने या फिर किसी भी जांच एजेंसी ने अभी तक दर्शन हीरानंदानी को समन नहीं भेजा है। ऐसे में उन्होंने ये हलफनामा किसे दिया? हलफनामा एक सफेद पेपर पर है ना कि किसी लेटरहेड पर या फिर नोटरी पर। देश का सबसे इज्जतदार और पढ़ा-लिखा बिजनेसमैन एक सफेद पेपर पर हस्ताक्षर क्यों करेगा अगर उसके सिर पर किसी ना बंदूक ना रखी हो तो?

विज्ञप्ति के अनुसार, पत्र में जो लिखा गया है, वह एक मजाक है। यह साफ है कि इसे पीएमओ में किसी के द्वारा लिखा गया है। मेरे कथित भ्रष्टाचार में हर विरोधी का नाम है। शार्दुल श्रॉफ, सिरिल श्रॉफ का भाई है और दोनों का बिजनेस के बंटवारे को लेकर झगड़ा है। सिरिल श्रॉफ, गौतम अदाणी का समधी है। राहुल गांधी और शशि थरूर दोनों लगातार सरकार पर निशाना साधते रहते हैं। सुचेता दलाल एक खोजी पत्रकार हैं और वह भी सरकार को हमेशा कटघरे में खड़ा करती रहती हैं। साफ है कि किसी ने कहा होगा कि 'सब का नाम घुसा दो, ऐसा मौका फिर नहीं आएगा।'

प्रेस विज्ञप्ति में महुआ मोइत्रा ने लिखा कि पैराग्राफ 12 में दावा किया गया है कि दर्शन हीरानंदानी मुझे नाराज करने से डरा हुआ था। दर्शन और उसके पिता देश के सबसे बड़े समूहों में से एक को संचालित करते हैं। उनके कई प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश और गुजरात में चल रहे हैं। जिनका उद्घाटन यूपी के सीएम और खुद पीएम कर चुके हैं। दर्शन प्रधानमंत्री के साथ विदेशी दौरों पर बतौर प्रतिनिधि भी जा चुके हैं। ऐसे में एक धनी और सफल बिजनेसमैन, जिसके पास पीएमओ में सीधा एक्सेस है, वो एक विपक्षी सांसद के सामने क्यों मजबूर होगा? यह बिल्कुल आधारहीन बात है और इससे साफ है कि यह पत्र पीएमओ में ड्राफ्ट किया गया है ना कि दर्शन द्वारा।

दर्शन हीरानंदानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों नहीं की या खुद या उनकी कंपनी ने क्यों कोई सोशल मीडिया पोस्ट नहीं किया? अगर उन्होंने अपना गुनाह कबूल किया है तो उन्होंने कोई आधिकारिक बयान क्यों नहीं जारी किया?

प्रेस विज्ञप्ति में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार इस बात का इंतजार कर रही है कि किस तरह मुझे अदाणी मुद्दे पर चुप कराया जाए। जय देहादराई कोई सुप्रीम कोर्ट के वकील नहीं है जिन्होंने मुझ पर कोई रिसर्च की है। अगर वह मेरे भ्रष्टाचार के गवाह हैं तो वह अब तक मेरे साथ क्यों थे उन्होंने अब तक आरोपों को सार्वजनिक करने का इंतजार क्यों किया? 543 सांसदों में से उन्होंने सिर्फ निशिकांत दूबे को ही चिट्ठी क्यों लिखी, जिन्हें लगातार संसद और संसद के बाहर मैं आईना दिखा रही हूं। जय के अपुष्ट दावों को क्यों निशिकांत दूबे द्वारा तुरंत मीडिया को लीक कर दिया गया, जिससे कोई भी जांच होने से पहले मीडिया में इसे लेकर हंगामा हो?

महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया कि भाजपा ने पहले जमीन तैयार की और फिर दर्शन और उनके पिता के सिर पर बंदूक रखकर उन्हें पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए 20 मिनट का समय दिया। उन्हें उनका पूरा बिजनेस बंद करने की धमकी दी गई। हस्ताक्षर के बाद पत्र को मीडिया में लीक कर दिया गया।

महुआ मोइत्रा ने लिखा कि आने वाले दिनों में मेरे करीबियों पर ईडी और सीबीआई के छापे पड़ेंगे। भाजपा और अदाणी के खिलाफ खड़े होने की यही कीमत है लेकिन ये मुझे नहीं डरा सकते। जब तक मुझे कई सवालों के जवाब नहीं मिल जाते तब तक मैं सवाल पूछती रहूंगी।

दर्शन ने लगाए थे महुआ पर आरोप

बता दें कि गुरुवार को बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी अपने दस्तखत के साथ एक हलफनामा जारी किया है। इस हलफनामे में दर्शन ने कई अहम खुलासे किए। हलफनामे में दर्शन ने लिखा कि पीएम मोदी की बेदाग छवि ने विपक्ष को उन पर हमला करने का कोई मौका नहीं दिया, ऐसे में महुआ मोइत्रा ने मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए अदाणी पर निशाना साधने का रास्ता चुना। दर्शन ने दावा किया कि अदाणी पर निशाना साधने के लिए महुआ मोइत्रा के संसदीय लॉगइन और पासवर्ड का उपयोग किया और ये भी कहा कि महुआ के संसदीय लॉगइन और पासवर्ड उनके भी पास हैं और वह खुद ही महुआ की तरफ से संसद में सवाल डाल देते थे।

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