नई दिल्ली: इजरायल और गाजा के बीच जारी युद्ध को लेकर भारत अपने पुराने रुख पर कायम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को फिलिस्तीन के राष्ट्रपति से फोन पर बात कर गाजा के अस्पताल में हुई घटना पर दुख प्रकट किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर इसे लेकर एक पोस्ट किया है। प्रधानमंत्री ने लिखा है कि फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास से बात की। गाज़ा के अल अहली अस्पताल में नागरिकों की मृत्यु पर अपनी संवेदना व्यक्त की। हम फ़िलिस्तीनी लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजना जारी रखेंगे। क्षेत्र में आतंकवाद, हिंसा और बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर अपनी गहरी चिंता साझा की। इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत की लंबे समय से चली आ रही सैद्धांतिक स्थिति को दोहराया।
भारत दो राष्ट्र के सिद्धांत को मानता है: विदेश मंत्रालय
इससे पहले विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि किसी भारतीय की कैजुअल्टी की सूचना नहीं है। साथ ही गाजा में अस्पताल पर हुए हमले को लेकर मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि आपने पीएम का ट्वीट देखा होगा।
पीएम ने नागरिकों की मौत पर चिंता जताई और परिजनों से संवेदना व्यक्त की। भारत हर तरह की हिंसा की निंदा करता है। फिलस्तीन मसले पर हम दो राष्ट्र के सिद्धांत को मानते हैं। गाजा और फिलस्तीन को मदद के मुद्दे पर अरिंदम बागची ने कहा कि 2000 से 2023 तक भारत ने लगातार फिलस्तीन की मदद की है। 29.5 मिलियन डॉलर की मदद भारत की तरफ से की जा चुकी है।
"भारतीयों की निकासी के लिए गाजा में हालात कठिन"
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने कहा कि गाजा में चार भारतीय हैं और उन्हें निकालना आसान नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि जैसे ही हालात निकालने लायक होंगे उन्हें सुरक्षित भारत लाया जाएगा। सरकार की तरफ से गुरुवार को कहा गया कि ऑपरेशन 'अजय' के तहत 5 फ्लाइट में 1200 लोग वापस आए हैं। इनमें से 18 नागरिक नेपाल के भी हैं और फ्लाइट भेजने का प्लान चल रहा है। परिस्थिति का जायज़ा लिया जा रहा है। गाज़ा में पहले तकरीबन 4 लोग थे लेकिन हमारे पास पुख्ता आंकड़े नहीं हैं, वेस्ट बैंक में 12-13 लोग थे। गाज़ा में स्थिति ऐसी है कि वहां से निकलना थोड़ा मुश्किल है।"
इजरायल हमास युद्ध का असर भारतीय राजनीति पर भी
इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास के बीच जंग का आज 13वां दिन है। गाजा पट्टी में चल रही जंग का असर भारत की राजनीति पर भी दिख रहा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार के फिलीस्तीन को लेकर दिए बयान के बाद देवेंद्र फडणवीस और असम के मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा सरमा ने पवार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। फडणवीस ने पवार से तुष्टिकरण की राजनीति न करने की अपील की है।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने जंग पर हैरानी जाहिर करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक... देखें तो भारत की भूमिका हमेशा फिलिस्तीन के साथ रही है। लेकिन पीएम मोदी इजरायल के साथ हैं। पवार ने कहा कि भारत आसपास के देशों को नजरअंदाज नहीं कर सकता है।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, "अटल बिहारी वाजपेयी की ही बात नहीं है। इंदिरा गांधी के जमाने से भारत सरकार की भूमिका फ़िलिस्तीन के साथ रही है। लेकिन इस मामले में पीएम मोदी और विदेश मंत्रालय दोनों के बयान अलग हैं। मुझे इसपर हैरानी है।"