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नई दिल्ली: वेबपोटर्ल न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। दोनों ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत इनकी गिरफ्तारी को खारिज करने से इंकार किया था।

पुरकायस्थ की तरफ से कपिल सिब्बल ने 16 अक्टूबर 2023 को याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के सामने सूचीबद्ध करने का आग्रह किया। लेकिन सीजेआई ने कहा कि दस्तावेजों को देखने के बाद ही वे इस संबंध में कोई फैसला करेंगे। उन्होंने सिब्बल से कोर्ट के समक्ष दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा।

न्यूजक्लिक पर चीनी फंडिंग से देश विरोधी प्रचार को बढ़ावा देने का आरोप है। इस मामले में पुरकायस्थ और चकवर्ती को दिल्ली पुलिस ने कई घंटों की पूछताछ के बाद 3 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था। इसे दोनों ने हाई कोर्ट में चुनौती ती थी, लेकिन राहत नहीं मिली।

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में पुरकायस्थ ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध और असंवैधानिक बताया है। कहा है कि यूएपीए एक दमनकारी कानून है। सरकार अक्सर इसका दुरुपयोग खुद से असहमत रहने वाले लोगों को निशाना बनाने के लिए करती है। उनका यह भी कहना है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए पुलिस के पास कोई सबूत नहीं है।

पुरकायस्थ की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए सिब्बल ने शीर्ष अदालत से कहा कि वे पत्रकार हैं। 70 साल से अधिक उनकी उम्र है। वे हिरासत में हैं। लिहाजा इस मामले की तत्काल सुनवाई होनी चाहिए।

गौरतलब है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने पुरकायस्थ और चकवर्ती की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि उनकी याचिका सुनवाई योग्य नहीं हैं। जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने 13 अक्टूबर 2023 याचिका खारिज करते हुए कहा कि इसमें कोई दम नहीं है।

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