नई दिल्ली: इस्राइल और हमास के बीच जारी जंग के बीच भारत के विदेश मंत्रालय ने बड़ा बयान दिया है। भारत ने इस्राइल पर हमास के हमलों को आतंकी हमला करार दिया है। इस दौरान यह भी स्पष्ट किया गया कि भारत हमेशा से संप्रभु फलस्तीन का समर्थक रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दोहराया कि भारत ने हमेशा इस्राइल के साथ शांतिपूर्ण सहअस्तित्व वाले फलस्तीन के एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य राष्ट्र की स्थापना के लिए फिर से बातचीत शुरू करने का समर्थन किया है। इस मामले में हमारी नीति दीर्घकालिक और सुसंगत रही है।
'ऑपरेशन अजय' शुरू किया गया
'ऑपरेशन अजय' पर उन्होंने कहा कि जैसा कि कल विदेश मंत्री द्वारा घोषणा की गई थी, इस्राइल से वापस आने को इच्छुक हमारे नागरिकों की वापसी की सुविधा के लिए 'ऑपरेशन अजय' शुरू किया गया है। पहली चार्टर उड़ान भारतीय नागरिकों को लेने के लिए आज रात पहुंचेगी और जिसके कल सुबह लौटने की संभावना है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि एक चार्टर उड़ान आज देर शाम तेल अवीव पहुंचेगी। इसमें 230 यात्रियों के सवार होने की उम्मीद है। हमारे पास सभी विकल्प हैं। राहत की बात यह भी है कि हमने अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं सुनी है। सिर्फ एक के घायल होने की खबर है। हालांकि, उनकी हालत भी स्थिर बताई जा रही है। गाजा में भी हमारे तीन या चार नागरिक हैं और हम उन्हें बाहर निकालने की कोशिश करेंगे।
‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर होगी वापसी
विदेश मंत्रालय ने कहा कि लगभग 18,000 भारतीय इस्राइल में हैं। वहां संघर्ष चल रहा है और यह चिंता का विषय है। भारतीयों को हमारे मिशन द्वारा जारी सलाह का पालन करने की सलाह दी गई है। इस्राइल में रहने वाले करीब 230 भारतीय ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर रात नौ बजे की उड़ान से भारत के लिए रवाना होंगे।
हमास को आतंकी संगठन कहे जाने पर कही यह बात
भारत की ओर से हमास को आतंकी संगठन कहे जाने को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह कानूनी मामला है। इसे कानूनी तौर पर देखना होगा, लेकिन मौजूदा स्थिति में हम बहुत स्पष्ट हैं कि यह एक आतंकवादी हमला है। हम युद्ध के कानूनों के अनुसार लड़ने को एक वैश्विक दायित्व के रूप में भी मानते हैं। अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना एक सार्वभौमिक दायित्व है। आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खतरे से लड़ना भी एक वैश्विक जिम्मेदारी है।
एक संप्रभु फलस्तीन देश की स्थापना के लिए बातचीत जरूरी
विदेश मंत्रालय ने फलस्तीन मुद्दे पर कहा कि भारत ने शांतिपूर्ण सहअस्तित्व वाले एक संप्रभु फलस्तीन देश की स्थापना के लिए इजराइल के साथ सीधी बातचीत फिर से शुरू करने की हमेशा वकालत की है।
भारतीय दूतावास ने भारतीयों से संपर्क अभियान शुरू किया
इस बीच तेल अवीव स्थित भारतीय दूतावास ने इस्राइल की फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के साथ जारी लड़ाई के बीच भारतीयों से संपर्क करने का गहन अभियान शुरू किया है। भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने बताया कि वे भारतीय कपंनियों के साथ ऑनलाइन बैठक कर रहे हैं। भारत जाने वाली उड़ानों की सूचना ई-मेल के जरिए भेज रहे हैं, भारतीय छात्रों को हर तरह की मदद का भरोसा दे रहे हैं।
इस्राइल में करीब 18,000 भारतीय नागरिक
इस्राइल में करीब 18,000 भारतीय नागरिक काम या पढ़ाई के सिलसिले में रह रहे हैं। यहां रहने वाले भारतीयों का एक बड़ा हिस्सा देखभाल करने वालों के रूप में काम करता है, लेकिन वहां लगभग एक हजार छात्र, कई आईटी पेशेवर और हीरा व्यापारी भी हैं।
अब तक 2400 से ज्यादा इस्राइली और फलस्तीनी मारे गए
इजराइल ने सात अक्तूबर को गाजा में सत्तारूढ़ इस्लामिक आतंकवादी समूह हमास के हमले के बाद संगठन के खिलाफ अभूतपूर्व जवाबी कार्रवाई करने का संकल्प लिया है। हमले के छठे दिन इस्राइली सेना ने बताया कि उनके देश में 189 सैनिकों सहित 1200 लोग मारे गए हैं, जबकि गाजा में इजराइल की जवाबी कार्रवाई में कम से कम 1200 लोग मारे गए हैं।
भारतीय वायुसेना ने भी की तैयारी
आईएएफ अधिकारी के मुताबिक, जरूरत पड़ने पर भारतीय वायुसेना ने इस्राइल से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए विमान मुहैया कराएगी। वायुसेना ने विमानों को स्टैंडबाय पर रखा है। आईएएफ परिवहन विमान बेड़े में सी-17 और आईएज-76 हेवी-लिफ्ट परिवहन विमान के साथ-साथ सी-130जे सुपर हरक्यूलिस स्पेशल ऑपरेशंस विमान शामिल हैं, जिनका उपयोग बीते समय में ऐसे निकासी कार्यों के लिए किया गया है।