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नई दिल्ली: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू यादव, बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और राजद सांसद मीसा भारती को बुधवार को बड़ी राहत मिली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में चारों को जमानत दे दी। कोर्ट ने सभी को 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर राहत देते हुए मामले की अगली सुनवाई 16 अक्तूबर तय की। इस बीच कोर्ट ने सीबीआई को मामले के सभी आरोपियों को आरोपपत्र की प्रति देने का निर्देश दिया।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राजद सुप्रीमो, उनकी पत्नी और बेटे तेजस्वी समेत अन्य सभी 17 आरोपियों को समन जारी किया था। अदालत ने सभी आरोपियों को चार अक्टूबर को हाजिर होने का निर्देश दिया था। मामले में लालू, राबड़ी और उनकी बेटी मीसा भारती जमानत पर हैं। मामले में पहले चार्जशीट में इन्हीं तीनों को आरोपी बनाया गया था। फिर सीबीआई ने एक नई चार्जशीट दाखिल कर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी आरोपी बना दिया। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर आरोप है कि उनके नाम पर उन संपत्तियों की रजिस्ट्री है।

जिसे लालू यादव ने रेल मंत्री रहते नौकरी देने के बदले में लोगों से लिखवाई थी।

नौकरी के बदले जमीन घोटाला क्या है?

रेल भर्ती से जुड़े एक और घोटाले का आरोप यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहे पवन बंसल के भांजे विजय सिंगला पर भी लगा है।

मामले में भी सीबीआई ने विजय सिंगला समेत 10 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में विजय सिंगला पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है।

2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे भर्ती में घोटाला हुआ। कहा जा रहा है कि नौकरी लगवाने के बदले आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए।

सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू प्रसाद यादव और उनकी बेटी मीसा भारती के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोप है कि जो जमीनें ली गईं वो राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर भी ली गईं।

क्या ये मामला 2017 के आईआरसीटीसी घोटाले से अलग है?

आईआरसीटीसी का मामला रेलवे भर्ती घोटाले से अलग है। आईआरसीटीसी घोटाले का आरोप भी 2004 में लालू के रेल मंत्री रहते होने की बात है। दरअसल, रेलवे बोर्ड ने उस वक्त रेलवे की कैटरिंग और रेलवे होटलों की सेवा को पूरी तरह आईआरसीटीसी को सौंप दिया था। इस दौरान रांची और पुरी के बीएनआर होटल के रखरखाव, संचालन और विकास को लेकर जारी टेंडर में अनियमिताएं किए जाने की बातें आई थीं।

ये टेंडर 2006 में एक प्राइवेट होटल सुजाता होटल को मिला था। आरोप है कि सुजाता होटल्स के मालिकों इसके बदले लालू यादव परिवार को पटना में तीन एकड़ जमीन दी, जो बेनामी संपत्ति थी। इस मामले में भी लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत कई लोग आरोपी हैं।

 

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