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नई दिल्ली: संसद के विशेष सत्र के चौथे दिन राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) लंबी चर्चा के बाद पास हो गया। बिल के समर्थन 215 वोट पड़े, जबकि विरोध में किसी ने वोट नहीं किया। लोकसभा में महिला आरक्षण बिल दो-तिहाई बहुमत से पास हो गया था।

राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर ऑटोमेटेड मल्टीमीडिया डिवाइस से वोटिंग हुई। कुछ सांसदों का वोट रिकॉर्ड नहीं होने पर उन्होंने पर्चियों से वोटिंग की। वहीं, लोकसभा में पर्चियों से वोटिंग कराई गई थी। 

संसद के दोनों सदनों से महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद इसे अब राष्ट्रपति के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्वीकृति मिलने के बाद महिला आरक्षण बिल कानून बन जाएगा।

महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) के मुताबिक, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण लागू किया जाएगा। लोकसभा की 543 सीटों में से 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। ये रिजर्वेशन 15 साल तक रहेगा।

इसके बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकती है। यह आरक्षण सीधे चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए लागू होगा। यानि यह राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा।

पीएम मोदी बोले- ये बिल हमारे देश की नारी शक्ति को नई ऊर्जा देगा

गुरुवार को राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर लंबी चर्चा हुई। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला आरक्षण बिल पर चर्चा का जवाब दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "हमने बिल पर सार्थक चर्चा की है, भविष्य में इस चर्चा का एक एक शब्द काम आने वाला है। हर शब्द का अपना मूल्य है, महत्व है।" पीएम ने कहा कि नारी शक्ति को विशेष सम्मान सिर्फ विधेयक से नहीं मिल रहा है। इस विधेयक के प्रति सभी राजनीतिक दलों की सकारात्मक सोच होना, ये हमारे देश की नारी शक्ति को नई ऊर्जा देगा। पीएम के संबोधन के बाद विधेयक पर मतदान हुआ।

लोकसभा में दो-तिहाई बहुमत से पास हुआ था बिल

एक दिन पहले ही लोकसभा में महिला आरक्षण बिल दो-तिहाई बहुमत से पास हुआ था। बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े थे, जबकि इसके विरोध में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी और औरंगाबाद से सांसद इम्तियाज जलील ने वोट किया।

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