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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह ने आज (बुधवार) कहा कि सोनिया गांधी को पार्टी अध्यक्ष बने रहना चाहिए, भले ही पांच राज्यों में चुनाव परिणाम कुछ भी आए। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा सांसद सिंह ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी तब सोनिया की जगह ले सकते हैं जब उन्हें लगने लगे कि उनके पद छोड़ने का समय आ गया है और वह 1997 से पार्टी की कमान संभालते हुए थक गयी हैं। एक्जिट पोल के नतीजों में संभावना जताई गयी है कि असम और केरल में कांग्रेस चुनाव हार सकती है। सिंह से जब पूछा गया कि क्या राहुल के कांग्रेस अध्यक्ष बनने का समय आ गया है, इस पर उन्होंने कहा, ‘नहीं, बिल्कुल नहीं।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने सोनियाजी के साथ बहुत करीब से काम किया है और मुझे लगता है कि वह महान नेता हैं।’ पिछले साल नवंबर में पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर लौटे सिंह ने कहा कि सोनिया प्रबंधन की आधुनिक अवधारणा में भरोसा रखती हैं। सिंह ने कहा कि राहुल का कद बढ़ने के बारे में कोई भी फैसला उन्हें और सोनिया को लेना है। उन्होंने कहा, ‘वह 1997 से लगातार इस भूमिका में रही हैं और वह थकी हो सकती हैं। उन्हें लग सकता है कि समय आ गया है कि वह पद छोड़ना चाहती हैं और वह इसे संभालते हुए थक गयी हैं।

इस स्थिति में उपाध्यक्ष कमान हाथ में ले सकते हैं और राहुल इसे संभाल सकते हैं।’ सिंह ने कहा, ‘सालों से वह (राहुल) अपनी इस भूमिका में हैं। मुझे विश्वास है कि वह सोनिया की जगह ले सकते हैं।’ सिंह ने रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ टकराव की खबरों को खारिज कर दिया जिनकी मदद कांग्रेस ने अगले साल पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति तैयार करने में लेने का फैसला किया है। क्या किशोर और उनके बीच सब कुछ ठीक है, इस पर अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘शत प्रतिशत। चीजें शत प्रतिशत सही हैं। हम दो दिन से पूरे समय साथ रहे। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है।’ सिंह ने कहा कि किशोर का रवैया लचीला है और उनके साथ संबंध असहज होने की खबरें पूरी तरह गलत हैं। कांग्रेस के दोबारा सत्ता में आने का विश्वास जताते हुए उन्होंने कहा, ‘उनका काम कांग्रेस की संभावनाएं सुधारने के लिए उसकी छवि बनाने का है। यह राजनीतिक लड़ाई का हिस्सा है। हम चुनावी लड़ाई के लिए तैयार हो रहे हैं।’ सिंह ने कहा कि उनके और किशोर के बीच टकराव की अटकलें उस समय शुरू हुईं जब वह तीन सप्ताह के लिए विदेश में थे और किशोर ने जगमीत सिंह बरार समेत कांग्रेस के बर्खास्त नेताओं से मुलाकात की। पीपीसीसी अध्यक्ष के विरोधी मानेजाने वाले बरार को पिछले महीने निकाला गया था। उन्होंने कहा, ‘मैं तीन सप्ताह के लिए विदेश में था और पूरे अमेरिका में एनआरआई से मिल रहा था और उनसे बातचीत कर रहा था और वह (किशोर) यहां कुछ लोगों से मिले और जब प्रेस ने मुझसे पूछा तो मैंने कहा, ‘आप जानते हैं, जिन दो लोगों से वह मिले, वे पार्टी से निकाले जा चुके हैं। अनुशासन कार्रवाई के मामले के तौर पर इसे इस तरह से देखें। और अनुशासन का मामला पीसीसी का मामला है और मैं इससे निपटूंगा।’ सिंह ने कहा, ‘लेकिन उन्होंने मेरी अनुपस्थिति में उनसे मुलाकात की और केवल इस चीज पर लोगों ने बबाल मचा दिया।’ कांग्रेस नेता ने कहा कि वह पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को कांग्रेस के लिए गंभीर चुनौती के तौर पर नहीं देखते। बस वह कुछ नुकसान पहुंचा सकते हैं। उन्होंने यह दावा भी किया कि सत्तारूढ़ अकाली दल-भाजपा गठबंधन राज्य में आधार खो रहा है।

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