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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने देश के कुछ राज्यों में सूखे स्थिति पर केंद्र सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र को सूखा प्रबंधन नियमावली की समीक्षा करनी चाहिए ताकि आपदा से प्रभावित किसानों को कारगर राहत दी जा सके । सूखे जैसी स्थिति से निपटने के लिए केंद्र को आपदा राहत कोष का गठन करना चाहिए । कोर्ट ने कहा कि कृषि मंत्रालय को सूखे की स्थिति का आकलन करने के लिए बिहार, गुजरात और हरियाणा के मुख्य सचिवों के साथ एक सप्ताह में बैठक करनी चाहिए । साथ ही देश की शीर्ष अदालत ने सूखे की घोषणा करने के लिए केंद्र को समयसीमा परिभाषित करने की भी बात कही। गौर हो कि देश के विभिन्न हिस्सों में सूखे का संकट निरंतर गंभीर होता जा रहा है। केंद्र सरकार के अनुसार करीब 33 करोड़ यानी देश की कुल आबादी का 25 फीसदी हिस्सा सूखे की आपदा का सामना कर रहा है। जानकारों के अनुसार यह आंकड़ा इससे कहीं अधिक हो सकता है। केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट को पिछले दिनों यह जानकारी दी थी कि भारत में सूखे के कारण 10 राज्यों के 254 जिलों में करीब 33 करोड़ लोग परेशान हैं। अकेले उत्तर प्रदेश में 10 करोड़ लोग परेशानी में हैं। यूपी के अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड और कर्नाटक सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य हैं। सूखाग्रस्त 10 राज्यों की हालत को सुधारने के लिए मनरेगा के तहत तय 38,500 करोड़ रुपए में से करीब 19,555 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं।

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