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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: विवादास्पद अगस्ता वेस्टलैंड सौदे को लेकर पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर निशाना साधते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि मौजूदा जांच उन पर केन्द्रित होगी जिनका नाम इटली की अदालत के फैसले में आया है। साथ ही उन्होंने यह सुक्षाव दिया कि अदश्य हाथ की भूमिका ने पूर्व में इस मामले की समुचित जांच को रोका। पर्रिकर ने अगस्ता वेस्टलैंड सौदे पर राज्यसभा में हुई अल्पकालिक चर्चा के जवाब में यह बातें कहीं। उन्होंने तथा संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने इस पूरे मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच कराये जाने की कांगे्रस सहित विपक्षी दलों की मांग को खारिज कर दिया जिसके विरोध में कांग्रेस और जदयू ने सदन से वाकआउट किया। 12 वीवीआईपी हेलीकाप्टरों के लिए 3600 करोड़ रुपये के इस सौदे के बारे में रक्षा मंत्री ने कहा कि संप्रग अगस्ता वेस्टलैंड के हेलीकाप्टरों को खरीदने के लिए लगातार जोर डाल रहा था। उन्होंने इस मामले का तिथिवार ब्यौरा देते हुए कहा कि सीबीआई ने 12 मार्च 2013 को एक मामला दर्ज किया था किन्तु उसने नौ माह तक प्राथमिकी की प्रति को प्रवर्तन निदेशालय को नहीं दिया। उसके बाद ईडी ने जुलाई तक प्राथमिकी पर कोई कार्रवाई नहीं की। पर्रिकर ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कोई अदृश्य हाथ सीबीआई एवं ईडी की कार्रवाई या निष्क्रियता का मार्गदर्शन कर रहा था।

जांच जारी होने की ओर ध्यान दिलाते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि जांच उन लोगों की भूमिका पर केन्द्रित होगी जिनका नाम इटली की अदालत के फैसले में आया है। सरकार घोटाले में शामिल लोगों को कानून के दायरे में लाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोडे़गी। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने काफी जांच कर ली है और वह फिलहाल रिश्वत का धन कहां कहां गया इसका पता लगाने की कोशिश कर रही है। पर्रिकर ने गुलमर्ग एवं श्रीनगर में हेलीकाप्टरों की उड़ानें के बारे में भारतीय वायु सेना की लिखित टिप्पणियों संबंधी एक फाइल का उल्लेख करते हुए कहा कि सौभाग्य से यह तीन जून 2014 की विनाशकारी आग से बच गई। उन्होंने कहा कि यह खुले में होने की बजाय एक अधिकारी की दराज में रखी थी। रक्षा मंत्री ने आरोप लगाया कि कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय संप्रग ने विदेश मंत्रालय, दूतावास एवं अदालत को लिखा। उन्होंने कहा कि सौदे को रद्द करने में करीब दो वर्ष लग गए वास्तव में पहले तीन वायुयानों की आपूर्ति को टाला जा सकता था। पर्रिकर ने आरोप लगाया कि हेलीकाप्टरों को बढ़े हुए मूल्यों पर लाया गया तथा मूल्य सौदेबाजी के लिए कोई वास्तविक आधार नहीं मुहैया कराया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि आफसेटस के लिए चयनित कंपनियों में से एक आईडीएस इंफोटेक का इस्तेमाल रिश्वत का धन देने के लिए माध्यम के तौर पर किया गया। इससे पहले अगस्तावेस्टलैंड मामले में राज्‍यसभा में पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी ने कहा कि हमारी सरकार पहले दिन से ही साफ थी कि डिफेंस में किसी प्रकार का भ्रष्टाचार नहीं होगा। यूपीए 1 के बाद से हमने रक्षा खरीद से भ्रष्टाचार को मिटाने का संकल्प लिया था। यूपीए 1 के कार्यकाल में प्री कान्ट्रैक्ट इंटीग्रिटी पैक्ट हम लेकर आए। उन्होंने कहा कि सीक्रेट रिकॉर्ड की बात मैं यहां नहीं करूंगा क्योंकि वह शपथ में बंधी रहती है। जो सार्वजनिक है उसकी बात कहूंगा। उन्होंने कहा कि पहली छह कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने का काम किया। ये सभी अंतरराष्ट्रीय बड़ी कंपनी थीं। भ्रष्टाचार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं था। एंटनी ने कहा कि हेलीकॉप्टर की ऊंचाई कम करने का निर्णय एनडीए के कार्यकाल में पीएमओ ने लिया। इसी समय 6000 से 4000 फीट की ऊंचाई की गई। फरवरी 2013 में डिफेंस मिनिस्ट्री के कागज यह बात बताते हैं। पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि 8 से 12 हेलीकॉप्टर खरीदने का निर्णय इसलिए बदला गया ताकि चार डिफेंस के काम के लिए प्रयोग में लाए जा सकें। 8 वीआईपी के लिए प्रयोग में लाए जाने थे। एंटनी ने कहा कि हमने इटली कोर्ट केस दर्ज किया और हर सुनवाई में एक दल भेजा। हमें जैसे ही केस से जुड़े कागज मिले हमने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए। एंटनी ने कहा कि हम जेपीसी के लिए तैयार है। अकसर विपक्ष की यह मांग होती है। हम पहले से ही तैयार है। उन्होंने कहा कि आरोपी ने कहा कि फैमिली का मतलब त्यागी परिवार है। अब भ्रष्टाचार साबित हो गया है। कार्रवाई करना वर्तमान सरकार का काम है। कंपनी पर एक्शन लें। भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करें। कंपनी पर तुरंत 10 का प्रतिबंध लगाएं। कंपनी को किसी भी प्रोजक्ट के लिए न बुलाएं यहां तक कि मेक इन इंडिया के लिए भी नहीं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार और राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों का राज्यसभा में जवाब देते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि इटली कोर्ट के आदेश में चार बार मेरा नाम आया है। आदेश में मेरे खिलाफ या हमारे किसी लीडर के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगे हैं। कहीं पर भी यह नहीं कहा गया कि इन लोगों ने घूस ली है। पटेल ने कहा कि किसी को बदनाम करने से कुछ नहीं होगा। जांच करें और सच्चाई सामने लाएं। बोफोर्स में भी कांग्रेस को बदनाम किया गया। कांग्रेस और उनके नेताओं को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गलतबयानी करने वाले लोगों को नियंत्रित करें। अगस्तावेस्टलैंड मुद्दे पर चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी के हमले का जवाब देते हुए कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सदन में जो हो रहा है पिछले कुछ दिनों से वह मिथ्या प्रचार हो रहा है जो केवल राजनैतिक प्रतिशोध नहीं है, बल्कि लोगों को गुमराह करने का, नाम बदनाम करने का काम है। स्वामी की बातों पर शर्मा ने कहा कि उन्होंने तीन बातें रखीं। उन्होंने कहा कि हम संप्रभु देश है, हमारा अपना कानून है। अपना संविधान है। यहां के कानून के हिसाब से काम होगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि एनडीए के कार्यकाल में ऊंचाई से संबंधित तमाम बातें हुईं। उन्होंने कहा कि नई सरकार को पिछली सरकार के कुछ बातों का ध्यान रखना होता है और ऐसा ही काम यूपीए की सरकार ने किया। आनंद शर्मा ने कहा कि स्वामी ने जो कहा वो बिना किसी आधार पर कहा। उन्होंने कहा कि यह आरोप गलत है कि सिंगल वेंडर सिस्टम लाने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि बाद में भी चार वेंडर थे। ट्रायल बाहर होने के मुद्दे पर कांग्रेस की ओर से शर्मा ने जवाब दिया कि ट्रायल के लिए देश के बाहर कराने की जरूरत भले ही नहीं थी। लेकिन नियम में दोनों ही बातें थीं। उन्होंने कहा कि आज की स्थिति में भी मोदी सरकार ने रक्षा सौदों की डील के नियमों में कहा है कि फील्ड ट्रायल कंपनी की प्रीमाइसेस में हो सकता है। जहां तक दूसरे हेलीकॉप्टर के ट्रायल की बात है यह गलत बात है। शर्मा ने कहा कि सही हेलीकॉप्टर का ट्रायल हुआ था। जहां तक हेलीकॉप्टर के दाम का सवाल है शर्मा ने कहा कि आज की तारीख में यह सब कहना मिथ्या होगा। शर्मा ने कहा कि मामले की जांच जारी है। यूपीए सरकार ने जैसे ही इस डील में गड़बड़ी की बात देखी तब तत्कालीन भारत सरकार ने हर वह कदम उठाया जो सरकार के स्तर पर होना चाहिए था। यहां तक की इटली की कोर्ट में केस किया गया। वहां से 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा वापस आए और तीन हेलीकॉप्टर पहले ही आ चुके थे। उन्होंने कहा कि कोई बिचोलिया किसी पर आरोप लगा दे तो क्या वह दोषी हो गया। कोई एक चिट्ठी में नाम लिख दे तो क्या वह आरोपी बन जाएगा।

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