नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय ने कोर्ट को बताया कि 1996 में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के बीए कोर्स करने से जुड़े दस्तावेज अब तक नहीं मिले हैं। ईरानी ने 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान दायर हलफनामे में इस कोर्स का जिक्र किया था। कोर्ट ने विश्वविद्यालय के पत्राचार विभाग से यह दस्तावेज तलब किए थे, क्योंकि ऐसा आरोप था कि ईरानी ने अप्रैल, 2004 के चुनाव में अपने हलफनामे में दावा किया था कि उन्होंने 1996 में बीए किया था। विश्वविद्यालय के पत्राचार विद्यालय के सहायक पंजीकार ओ पी तंवर ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरविंदर सिंह से कहा, 'उनके बीए से संबंधित 1996 के दस्तावेज अभी मिलने बाकी हैं।' वैसे तंवर ने 1993-94 के बी कॉम (ऑनर्स) के लिए एडमिशन फॉर्म, इस कोर्स का रिजल्ट और 2013-14 में बीए (ऑनर्स) राजनीति विज्ञान प्रथम वर्ष में उनके रॉल नंबर वाले फॉर्म सहित उनकी शिक्षा से जुड़े कुछ दस्तावेज पेश किए हैं। उन्होंने कहा कि बी कॉम (ऑनर्स) के एडमिशन फॉर्म के साथ सौंपे गए ईरानी की कक्षा 12वीं के दस्तावेज भी नहीं मिले हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि प्रवेश से पहले सत्यापन जरूर ही किया गया होगा।
अदालत ने उत्तरी दिल्ली के एसडीएम को चांदनी चौक निर्वाचन क्षेत्र से वर्ष 2004 का चुनाव लड़ने के लिए ईरानी द्वारा हलफनामे के साथ दिए गए दस्तावेज भी देने को कहा। मामले की अगली सुनवाई छह जून को होगी। अदालत ने पहले चुनाव आयोग और दिल्ली विश्वविद्यालय को ईरानी के खिलाफ दर्ज इस शिकायत पर शैक्षणिक योग्तया से जुड़े प्रमाणपत्र पेश करने का निर्देश दिया कि उन्होंने चुनाव आयोग के समक्ष हलफनामों में गलत सूचनाएं दीं।