नई दिल्ली: एनडीआरएफ ने उत्तराखंड के जंगलों में फैल रही आग पर काबू पाने के लिए कई दमकल टीमों के तहत 130 से अधिक कर्मियों को तैनात किया है। आग से कई जिलों में करीब 2,269 हेक्टेयर जंगल नष्ट हो गए और अब तक कम से कम सात जानें गई हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमों को पौड़ी गढ़वाल, अल्मोड़ा और चमोली के तीन जिलों में 13 प्रभावित इलाकों में भीषण आग पर काबू पाने के लिए लगाया गया है। एनडीआरएफ महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया, हमारी टीमें अधिकारियों और राज्य दमकल एवं वन विभाग के कर्मियों के साथ तालमेल कर 13 क्षेत्रों में काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि इन टीमों को आग के फैलाव को रोकने की पारंपरिक पद्धति को अपनाने का निर्देश दिया गया है। सिंह ने बताया, हम आग को फैलने से रोकने के लिए उपकरणों और हरी क्षाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। कई टीमों के तहत करीब 135 कर्मी फिलहाल उत्तराखंड में काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि चमोली में एनडीआरएफ पाखी और गोपेश्वर इलाकों में काम रहा है, अल्मोड़ा में टीमें बिनसार, सोमेश्वर, बिकिसेन, सिपलाखेत और धौलादेवी में काम कर रही हैं। डीजी ने बताया कि प्रत्येक टीम आठ से 10 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर कर रही है। एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमों को गाजियाबाद में तैयार रखा गया है।
बल ने पौड़ी जिले में महलचोरी के पर्वतीय इलाके में आग से एक मकान को भी बचाया जिसमें चार लोगों का एक परिवार रहता है। सिंह ने बताया कि वह राज्य में काम कर रहे अपने टीम नेतत्वकर्ताओं से लगातार संपर्क में हैं। केंद्रीय गहमंत्री राजनाथ सिंह ने जंगल में लगी आग से पैदा हुई स्थिति पर आज राज्य सरकार के मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों से बात की तथा उन्होंने केंद्र से हर संभव सहायता की पेशकश की। उन्होंने कल राज्यपाल केके पॉल से बात की जिन्होंने इस पर्वतीय राज्य की स्थिति से उन्हें अवगत कराया। वायुसेना के एमआई 17 हेलीकॉप्टर भी आग पर काबू पाने के लिए नैनीताल में पानी छिड़क रहे हैं। अब तक सात लोगों की मौत हुई है। पौड़ी, नैनीताल, रूद्रप्रयाग और टिहरी सर्वाधिक प्रभावित जिलों में शामिल हैं।