बलिया: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (रविवार) अपनी महत्वाकांक्षी उज्ज्वला योजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि गरीबों की जिंदगी बदलना सरकार का लक्ष्य है। अब तक जितनी भी योजनाएं पूर्ववर्ती सरकारों ने बनाईं उसमें केवल मतपेटी का ध्यान रखा गया। केन्द्र में पहली सरकार है जो गरीबों की जिंदगी बदलने का काम कर रही है। इससे पहले मोदी ने बीपीएल परिवारों की दस महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन दिये। माल्देपुर मोड़ स्थित मैदान में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मजूदर दिवस है। गरीबी से जूझ रहा हर व्यक्ति मजदूरी कर रहा है। गरीबी हटाने के लिए नारे तो बहुत दिए गए, लेकिन गरीबों पर ध्यान नहीं दिया गया। मोदी ने उज्ज्वला योजना की तारीफ करते हुए कहा कि देश में पहली बार कोई ऐसी योजना शुरू हो रही है, जो पांच करोड़ गरीबों के लिए है। पेट्रोलियम मंत्रालय कभी गरीबों का नहीं माना गया लेकिन पहली बार इसी मंत्रालय से गरीबों के लिए इतनी बड़ी योजना शुरू हो रही है। तीन साल में पांच करोड़ परिवारों में रसोई गैस पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि 2019 में जब महात्मा गांधी की 150वीं जयंती होगी तो गरीबों के यहां ये कनेक्शन पहुंच चुके होंगे। मोदी ने कहा कि दुनिया में पहले एक नारा चलता था। दुनिया के मजदूरों एक हो जाओ। उस नारे में राजनीति झलकती थी।
आज 21वीं सदी में दुनिया को जोड़ने की जरूरत है इसलिए जरूरी है कि हम नया नारा दें। हम कहें कि विश्व के मजदूरों आओ हम दुनिया को एक करें। इस योजना को पूर्वी उत्तर प्रदेश से शुरू करने को लेकर हो रही चर्चाओं पर मोदी ने कहा कि हम चुनाव का बिगुल बजाने नहीं आए हैं। बलिया में रसोई गैस कनेक्शन का औसत बेहद कम हैं। यहां गरीबी के नीचे जीने वाले 100 में से 8 परिवारों के पास ही रसोई गैस है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि झारखंड और एमपी में भी जाकर योजनाएं शुरू की गई हैं। वहां तो चुनाव नहीं है। मोदी ने कहा कि हरियाणा में बेटियों की संख्या कम है इसलिए वहां से बेटी बचाअो अभियान शुरू किया। बलिया में इसलिए आया हूं क्योंकि हमें गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़नी है। पूर्वी हिन्दुस्तान अगर पश्चिमी की बराबरी कर ले तो इस देश में गरीबी का नामोनिशान नहीं रहेगा। इन इलाकों में अगर विकास पहुंच जाए तो गरीबी से लड़ने में हम सफल हो जाएंगे। पीेएम ने चुनावी बिगुल तो मतदाता फूंकते हैं। यूपी ने अनेक प्रधानमंत्री दिये लेकिन क्या कारण है कि यहां गरीबी बढ़ती गई। गाजीपुर से पूर्व सांसद विश्वनाथ गहमरी ने नेहरू को जब पूर्वी यूपी की हालत बताई तो पटेल समिति का गठन किया गया। लेकिन पचास साल बाद भी हालात नहीं बदले। पहली बार पूर्वी यूपी में विकास में तेजी आई है। गाजीपुर में ताड़ी घाट-बारा पुल के लिए बजट का इंतजाम किया गया, जिससे वहां के हालात सुधरे। मोदी ने कहा मुझे गर्व है कि यूपी ने लोकसभा चुनाव में हमें आशीर्वाद दिया। पिछली किसी सरकार ने यूपी के विकास में जितना काम नहीं किया, उससे ज्यादा राशि यहां केन्द्र सरकार लगा रही है। मोदी ने कहा कि एक हजार दिन में देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का संकल्प लाल किले से लिया था। आजादी के इतने साल बाद भी 18 हजार गांव ऐसे हैं जहां बिजली का खंभा नहीं पहुंचा। 18वीं शताब्दी में जैसी जिंदगी लोग गुजारते थे आज भी उसी तरह की जिंदगी बिता रहे हैं। यूपी ने 1529 गांव ऐसे थे जहां बिजली नहीं पहुंची थी। 250 दिन में 1326 गांव में बिजली पहुंच गई है। आज यूपी में एक दिन में तीन गांव में बिजली पहुंचाने का काम कर रहे हैं। गंगा से कुछ दूरी पर सभा को संबोधित कर रहे मोदी ने कहा कि गंगा सफाई अभियान जनता की भागीदारी से पूरा होगा। उन्होंने लोगों को कभी भी गंगा को गंदा नहीं करने का संकल्प दिलाया। मोदी ने खुद को मजदूर नंबर एक बताते हुए कहा कि मजदूरों के लिए काम करना मेरी प्राथमिकता है। बताया कि पहले मजदूरों को 15-20 रुपये पेंशन मिलती थी। हमने 30 लाख मजदूरों के लिए इसे बढ़ाकर 1000 कर दिया। पहली बार श्रमिकों को एक नंबर दिया गया ताकि उनकी पहचान बन सके। पूरे देश में श्रमिकों को मौका प्राप्त हो, इसके लिए एक वेबसाइट शुरू की गई। बोनस की न्यूनतम सीमा तय की गई। श्रमिक के एक कंपनी से दूसरे दूसरी कंपनी में चले जाने पर पीएफ का पैसा नहीं मिलता था। मजदूरों के हित में इसे बदल दिया। सबसे ज्यादा मजदूर इमारत बनाने के काम में है। इनकी देखभाल की व्यवस्था नहीं थी। इनके लिए बीमा, पेंशन, स्वास्थ्य की सेवाएं दी गई हैं। एलपीजी सब्सिडी छोड़ने वालों की तारीफ करते हुए मोदी ने खूब तालियां बजवाईं। मोदी ने कहा कि एक बार दिल से आवाज निकली। मैंने अचानक ही सब्सिडी छोड़ने का आहवान कर दिया। न कोई योजना बनाई, न ही कोई फालोअप किया। लेकिन देशवालों ने इसे हाथोंहाथ लिया। एक करोड़ दस लाख लोगों ने अब तक सब्सिडी छोड़ दी है। हमने कहा था कि जो गरीबों के लिए सब्सिडी छोड़ेगा वो पैसे गरीबों की रसोई में जाएंगा। उसी वचन को हम पूरा कर रहे हैं। एक गरीब मां जब लकड़ी के चूल्हे पर खाना पकाती है तो एक दिन में उसके शरीर में चार सौ सिगरेट के बराबर धुआं पहुंच जाता है। जो बच्चे घर में होते हैं उन्हें भी धुएं का कोप सहना पड़ता है। मैंने भी इस तरह के माहौल को जिया है। हम भी एक कमरे में रहते थे। मां खाना बनाती थी तो कभी कभी धुआं इतना होता था कि मां को हम देख भी नहीं पाते थे। इसलिए हमने गरीब माताओं को इस कष्ट से मुक्ति दिलाने का फैसला किया है। मोदी ने भाषण की शुरुआत भोजपुरी में अभिवादन करते हुए की। उन्होंने भृगु ऋषि, मुनि विश्वामित्र का नाम लेकर बलिया को नमन किया। उन्होंने कहा कि देश को आजादी दिलाने के लिए इसी धरती के मंगल पांडे, चित्तू पांडे का एक ऐसा सिलसिला शुरू हुआ जो हर पीढ़ी में हर समय देश के लिए जीने-मरने वाले लोग इस बलिया ने दिये हैं। मोदी ने कहा कि यही धऱती है जहां से पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का नाम जुड़ा है। इस धरती का सीधा नाता बाबू जयप्रकाश नारायण से जुड़ता है। इसी धरती से राम मनोहर लोहिया औऱ दीन दयाल उपाध्याय के बिना अधूरा है। समारोह में राज्यपाल रामनाईक, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री कलराज मिश्र, यूपी सरकार के मंत्री रामगोविन्द चौधरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्य, रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, बलिया के सांसद भरत सिंह, पेट्रोलियम सचिव आदि मौजूद रहे।