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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने वाहनों से होने वाले उत्सर्जन की वजह से बढ़ते प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए कोई उपाय नहीं करने पर केंद्र सरकार से नाराजगी जताई और कहा कि ‘आप लोग केवल कॉफी की चुस्की ले रहे हैं और कुछ नहीं कर रहे।’ प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘मंत्रालय में लोग क्या कर रहे हैं? वे कुछ अनुसंधान और समाधान क्यों नहीं निकाल सकते? आप यह शोध क्यों नहीं कर सकते कि शेष दुनिया में क्या हो रहा है? आप लोग केवल कॉफी की चुस्की ले रहे हैं और कुछ नहीं कर रहे। अदालतों को इन सभी मामलों को देखने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है।’ पीठ में न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति आर. भानुमति भी शामिल हैं। पीठ ने कहा कि मंत्रालय के लोग केवल इस बात का इंतजार कर रहे हैं कोई अदालत के समक्ष समाधान लेकर आए और फिर वे इस मुद्दे से निपटें। पीठ ने कहा, ‘आप क्यों इस बात का इंतजार करते हैं कि वरिष्ठ अधिवक्ता के.के. वेणुगोपाल और उनका दल शोध करे और समाधान निकाले। आप खुद यह क्यों नहीं कर सकते। यह जीवन की बात है और लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं।’

पीठ की इस टिप्पणी से पहले अतिरिक्त सालिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार तीन बच्चों की ओर से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता के. के. वेणुगोपाल की रिपोर्ट को देखेंगे जिन्होंने दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर लगाम के लिए शीर्ष अदालत से दिशानिर्देशों की मांग की है।

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