ऑकलैंड: भारत की ‘लुक ईस्ट’ नीति के ‘एक्ट ईस्ट’ में समाहित होने के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को न्यूजीलैंड के साथ करीबी रिश्तों की हिमायत की और कहा कि भारत की सामरिक सोच और आर्थिक भागीदारी में क्षेत्र ने अधिक महत्व हासिल किया है। तीन दिन की राजकीय यात्रा पर यहां आए राष्ट्रपति ने प्रशांत क्षेत्र को भारत द्वारा दी जा रही महत्ता की बात करते हुए इसे दक्षिण पूर्व एशिया के हमारे निकटवर्ती पड़ोस का प्राकृतिक विस्तार करार दिया। स्थानीय दैनिक ‘द न्यूजीलैंड हेराल्ड’ के साथ एक भेंट में राष्ट्रपति ने कहा, 'हमारी लुक ईस्ट नीति के एक्ट ईस्ट नीति में समाहित होने के बीच इस क्षेत्र ने हमारी सामरिक सोच और आर्थिक भागीदारी में और भी ज्यादा महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। भारत का ज्यादातर विदेशी व्यापार हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के समुद्री रास्तों से होकर गुजरता है। यह रास्ते हमारी उर्जा का बड़ा भाग चाहे वह तेल हो, गैस अथवा कोयला, हम तक पहुंचाते हैं।' न्यूजीलैंड की यात्रा करने वाले भारत के पहले राष्ट्रपति मुखर्जी शनिवार को सुबह यहां पहुंचे, जहां अधिकारियों ने उनकी अगवानी की। बाद में गवर्नर जनरल हाउस में उनका रस्मी स्वागत किया गया, जिसमें न्यूजीलैंड के गवर्नर जनरल सर जेरी मातेपारेइ के साथ धीरे से नाक रगड़ने (अपनत्व जताने की एक मुद्रा) की परंगरागत रस्म शामिल थी।
राष्ट्रपति ने कहा, 'मेरा विश्वास है कि यह क्षेत्र व्यापार और निवेश के साथ ही लोगों से लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने की विशाल क्षमता रखता है। जो हालांकि मुक्त व्यापार संधि पर केंद्रित है और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जॉन की के अनुसार उनका देश एफटीए पर आगे बढ़ना चाहता है। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री के हवाले से अन्य मीडिया खबरों में कहा गया कि भारतीय राष्ट्रपति का दौरा व्यापार पर बात करने और द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा का अच्छा अवसर है।