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नई दिल्ली: उत्तराखंड में बुधवार को राष्ट्रपति शासन मामले पर में सुनवाई थी, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के आग्रह पर सुप्रीम कोर्ट ने 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया है। पिछली सुनवाई में केंद्र की अर्ज़ी पर सुप्रीम कोर्ट ने 27 अप्रैल तक उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के राष्ट्रपति शासन हटाने के फैसले पर बुधवार तक की रोक लगाई थी और हाईकोर्ट को लिखित आदेश देने के निर्देश दिए थे। उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन की मियाद आज (बुधवार) खत्म हो रही है। इस मामले को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होगी। गौरतलब है कि कोर्ट ने पिछली सुनवाई में केंद्र की अर्जी पर 27 अप्रैल तक उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के राष्ट्रपति शासन हटाने के फ़ैसले पर बुधवार तक की रोक लगाई थी और हाईकोर्ट को लिखित आदेश देने के निर्देश दिए थे। वहीं, केंद्र ने हाईकोर्ट के फैसले को गलत बताते हुए उसे रद्द करने की मांग की है। वहीं, दो बागी विधायकों ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अनुरोध किया है कि उनकी अयोग्यता से जुड़े मामले पर भी सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करे। सुप्रीम कोर्ट ने 27 अप्रैल तक उत्तराखंड हाईकोर्ट के राष्ट्रपति शासन हटाने के फैसले पर रोक लगाई थी और हाईकोर्ट को लिखित आदेश देने के निर्देश दिए थे।

वहीं आज उत्तराखंड कांग्रेस के बाग़ी विधायकों की याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्‍यमंत्री हरीश रावत और स्पीकर को नोटिस जारी किया था। दरअसल, नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य में राष्ट्रपति शासन को असंवैधानिक बताया था और सरकार बहाली के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट के फैसले के बाद हरीश रावत सरकार ने तुरंत कैबिनेट की बैठक बुलाई और ताबड़तोड़ कई फैसले भी ले लिए। लेकिन केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति शासन अभी लागू है लिहाजा वो इस तरह के फैसले नहीं कर सकते हैं। दरअसल हाईकोर्ट ने मौखिक तौर पर राज्य में राष्ट्रपति शासन को असंवैधानिक बता कर राज्य सरकार को बहाल कर दिया था और 28 अप्रैल विश्वास मत हासिल करने के निर्देश दिए थे। लेकिन लिखित फैसले देने के लिए एक सप्ताह का वक्त मुकर्रर कर दिया। केंद्र की सुप्रीम कोर्ट में दलील थी कि अधिसूचना के जरिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया। और अधिसूचना जारी करने के बाद ही राष्ट्रपति शासन को हटाया जा सकता है। लेकिन नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के बाद भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है, लिहाजा यथास्थिति को बनाया रखा जाए। केंद्र सरकार की दलील पर सु्प्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति शासन को जारी रखने के निर्देश दिए। गौर हो कि उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के मुद्दे पर कांग्रेस सदस्यों ने मंगलवार को भी लगातार दूसरे दिन संसद में भारी हंगामा किया, जिससे दोनों सदनों की कार्यवाही बार बार बाधित हुई।

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