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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना
संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है संसदः सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: शराब कारोबारी विजय माल्या को सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि वह भारत और विदेश में अपनी तथा अपने परिजनों की संपत्तियों का ब्योरा एक बंद लिफाफे में बैंकों को प्रदान करें। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि बेंगलूर स्थित ऋण वसूली अधिकरण (डीआरटी) के समक्ष बकाये की वसूली से जुड़ी बैंकों की अर्जी पर दो महीने के भीतर फैसला किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने माल्या की ओर से किए गए इस ऐतराज को मानने से इनकार कर दिया कि उनकी एनआरआई पत्नी और बच्चों की संपत्तियों के बारे में बैंकों को नहीं बताया जा सकता ।अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि माल्या भारत में न्याय से भागने वाला एक भगोड़ा है ।अटॉर्नी जनरल ने उच्चतम न्यायालय को बताया - माल्या उस धनराशि का खुलासा नहीं करना चाहते जिसे उनकी ओर से जमा करने की संभावना है, ताकि बैंकों की अपनी बकाया राशि का निपटारा करने की अपनी सही भावना को दिखा सकें ।

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