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नई दिल्ली: चीन की कड़ी आपत्ति के बाद भारत ने मशहूर उइगर नेता डोलकुन ईसा का वीजा रद्द कर दिया है। ईसा धर्मशाला में आयोजित होने वाली लोकतंत्र समर्थक कांफ्रेंस में शामिल होने वाले थे। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने सोमवार को कोई ब्यौरा दिए बिना कहा, हमने डोलकुन ईसा को दिया गया वीजा रद्द कर दिया है। ईसा को अमेरिका स्थित इनिशिएटिव्स फॉर चाइना द्वारा आयोजित किए जा रहे सम्मेलन में आमंत्रित किया गया था। भारत के कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ईसा ने कहा, 23 अप्रैल को मुझे भारत की तरफ से एक अत्यंत लघु नोट मिला कि मेरा वीजा रद्द कर दिया गया है। इसमें कोई स्पष्टीकरण नहीं था । उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि इसके पीछे असल में क्या कारण है। उन्होंने कहा, यह भारत सरकार पर चीन द्वारा डाले गए दबाव की वजह से हो सकता है। लेकिन उनको भारत की तरफ से कोई कारण नहीं बताया गया। इससे पूर्व जब ईसा को भारत का वीजा मिला था तो चीन ने कड़ी आपत्ति जताई थी। तब ऐसा माना जा रहा था कि भारत ने यह दांव आतंकी मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित कराने में चीन के रोड़ा अटकाने के बदले में खेला है। चीन ने कहा था कि ईसा एक आतंकवादी है और उसके खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। इसलिए सभी देशों की जिम्मेदारी है कि उसे कानून के हवाले किया जाए। वर्ल्ड उइगर कांग्रेस (डब्ल्यूयूसी) के नेता डोलकुन ईसा जर्मनी में रहते हैं। चीन का आरोप है कि मुस्लिम बहुल शिनजियांग क्षेत्र में आतंकवादी घटनाओं के पीछे ईसा और उसके साथियों का हाथ है।

गौरतलब है कि चीन ने यूएन में जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने के भारत के प्रस्ताव पर वीटो दिया था। ईसा के वीजा मामले में तथ्यों का पता लगाने को कहा था भारत चीन की आपत्ति के बाद भारत ने ईसा को भारतीय वीजा मिलने के बारे में अनभिज्ञता जताते हुए कहा था कि वह इस मामले की तथ्यों का पता लगाएगा। ईसा धर्मशाला में आयोजित होने वाली लोकतंत्र समर्थक कांफ्रेंस में हिस्सा लेंने के लिए भारत आने वाले थे।

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