नई दिल्ली: संसद के दोनों सदनों में सोमवार को विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने का मुद्दा उठाते हुए केन्द्र पर विपक्ष शासित राज्य सरकारों को अस्थिर करने का आरोप लगाया, हालांकि सरकार ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इसका राजग सरकार से कुछ लेना देना नहीं है और यह विपक्षी दलों के खुद के अंदरूनी संकट का परिणाम है। लगभग 39 दिन के अवकाश के बाद आज संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के शुरू होने पर इस मामले पर दोनों सदनों में खासा हंगामा रहा। राज्यसभा इस मुद्दे पर कई बार स्थगित हुई और लोकसभा में पूरे प्रश्नकाल में कांग्रेस की ओर से नारेबाजी होती रही। लोकसभा में शून्यकाल में स्पीकर द्वारा मामला उठाने की अनुमति दिए जाने पर सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया, राजग सरकार विपक्ष शासित राज्यों की सत्ता हड़पने की बहुत ही जल्दबाजी में है। अगर हर विपक्ष शासित राज्यों को अस्थिर करने का यह रवैया चलता रहा तो देश में लोकतंत्र और संविधान नहीं बचेगा। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हालांकि इसका कड़ा प्रतिवाद करते हुए कहा, उत्तराखंड में जो संकट पैदा हुआ है वह भाजपा या राजग सरकार द्वारा पैदा किया गया नहीं हैं। यह संकट तो इन दलों के आंतरिक संकट का नतीजा है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह मामला अदालत में विचाराधीन है इसलिए इस पर सदन में चर्चा नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की अनुदान की मांगों पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा होनी है और उस समय इस मामले में बात रखी जा सकती है। राज्यसभा में सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जानबूझकर विपक्ष को उकसाती है और व्यवधान की स्थिति लाती है ताकि सदन नहीं चले।
उन्होंने कहा कि पिछले करीब एक साल से लगातार देखा गया है कि सत्ताधारी दल ऐसे प्रयास करता है कि सदन में कामकाज नहीं हो पाए। लोकसभा में बीजद के भर्तहरि महताब ने कहा कि उनकी पार्टी राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के सख्त खिलाफ है। उन्होंने कहा, मामला अभी संसद में विचाराधीन है और फैसले का इंतजार है। हम सही फैसले की उम्मीद कर रहे हैं। अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल करना गलत है। इससे लोकतंत्र की अवमानना होती है। खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को परोक्ष निशाने पर लेते हुए कहा कि सरकार संविधान दिवस मनाती है, संविधान निर्माता डा अंबेडकर की जयंती मनाती है। लेकिन दूसरी ओर लोकतांत्रिक और संवैधानिक ढंग से चुनी गई विपक्ष शासित राज्य की सरकारों को अस्थिर करती है। सत्ता पक्ष द्वारा यह कहे जाने पर कि मामला अदालत में विचाराधीन है, खड़गे ने कहा, मैं न्यायपालिका पर टिप्पणी नहीं कर रहा हूं बल्कि केन्द्र सरकार के बर्ताव पर बात कर रहा हूं। कैसे विधायक खरीदे जा रहे हैं, विभाजित किए जा रहे हैं, दबाव डाले जा रहे हैं। राज्यसभा में आजाद ने आरोप लगाया कि सरकार सत्र के दौरान या सत्र से पहले ऐसा कुछ कर जाती है कि संसद नहीं चल पाती। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान अरूणाचल प्रदेश की सरकार को अपदस्थ करते हुए पहले वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया गया और फिर जब तक वहां भाजपा की सरकार नहीं बन गई, केंद्र ने चैन की सांस नहीं ली। अब उत्तराखंड में यही किया जा रहा है। माकपा के सीताराम येचुरी ने कहा कि सदन के नेता अरूण जेटली ने पिछले सत्र में कहा था कि सदन में किसी मुद्दे पर चर्चा को इसलिए नहीं टाला जा सकता कि वह मुद्दा अदालत में विचाराधीन है। आपको अपनी बात याद रहनी चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि निर्वाचित सरकार को हटाने के लिए केंद्र ने राष्ट्रपति की उदोषणा का उपयोग किया। इस पर हम चर्चा करेंगे और आपको बेनकाब करेंगे। सदन के नेता और वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शर्मा की बात से सहमति जताते हुए कहा कि अनुच्छेद 356 के तहत अगर कोई मुद्दा सदन के समक्ष रखा जाता है तो उस पर चर्चा होती है। राष्ट्रपति शासन लगाने की उद्घोषणा को अनुच्छेद 356 (3) के तहत सदन में रखा जा चुका है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सदस्य इस मुद्दे पर उस समय चर्चा कर सकते हैं जब उद्घोषणा पर चर्चा की जाएगी। इस बीच कांग्रेस के सदस्य हाथों में पोस्टर लिए हुए आसन के समक्ष आ कर सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे। उप सभापति पी जे कुरियन ने सदस्यों से सदन में पोस्टर नहीं दिखाने और अपने स्थानों पर लौट जाने तथा कार्रवाई चलने देने को कहा। सदन में व्यवस्था नहीं बनते देख कुरियन ने 11 बजकर 45 मिनट पर बैठक को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दो बजे के बाद भी सदन में हंगामा होने पर कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा की कार्यवाही भी दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताई कि बजट सत्र के दूसरे हिस्से को सफल बनाने के लिए सभी दलों का सहयोग मिलेगा। पीएम मोदी ने कहा कि बजट सत्र का पहला हिस्सा काफी प्रोडक्टिव रहा था। उम्मीद है कि दूसरा हिस्सा भी वैसा ही रहेगा। इस सत्र में अच्छे फैसले लेंगे। राज्यसभा में सबसे पहले नए सदस्यों को शपथ दिलाई गई। कांग्रेस नेता आंनद शर्मा, शमशेर सिंह, नरेश गुजराल, प्रताप बाजवा, श्वेत मलिक, झरना दास वैद्य ने शपथ ली।