नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने विजय माल्या का पासपोर्ट रद्द कर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय की मांग पर विदेश मंत्रालय ने यह कदम उठाया है। बैंकों का 9,000 करोड़ से ज़्यादा का बक़ाया लेकर विदेश जा बसे उद्योगपति विजय माल्या को यह तगड़ा झटका है। ईडी ने उन्हें कई बार पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन हर बार उन्होंने पेशी के लिए और समय मांगा। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने उनका पासपोर्ट रद्द करने की मांग की थी। विदेश मंत्रालय के स्पोक्सपर्सन विकास स्वरूप ने आज इस बात की सूचना ट्वीट के माध्यम से दी और बताया कि किन किन धाराओं के तहत यह कदम उठाया गया है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि माल्या के प्रत्यपर्ण के लिए क़ानून के विशेषज्ञों से राय ली जा रही है। सूत्रों के मुताबिक़ माल्या चीफ़ पासपोर्ट ऑफ़िसर, फिर हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में इसके ख़िलाफ़ अपील कर सकते हैं लेकिन उनके पक्ष में फ़ैसला आने तक वह इस पासपोर्ट पर कहीं भी यात्रा नहीं कर सकेंगे। लंदन में भी उनका ठहरना क़ानूनन अवैध हो गया है। करोड़ों के कर्ज के नीचे दबे विजय माल्या ने पिछले ही महीने न्यूयॉर्क के मैनहट्टन में स्थित प्रसिद्ध ट्रंप प्लाज़ा में एक फ्लैट का सौदा किया, जिसके लिए उन्होंने 10 मीलियन डॉलर अदा किए है। बैंकों के करोड़ों रुपए लेकर लंदन में बैठे शराब कारोबारी विजय माल्या ने अब सुप्रीम कोर्ट में एक नई डील पेश कर दी थी। माल्या ने बैंकों से लिए गए 9000 करोड़ के लोन की वापसी के लिए सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह इनमें से 6868 करोड़ लौटाना चाहते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने जब माल्या के वकील से पूछा कि वह भारत कब वापस लौट रहे हैं, तो उन्होंने कोई जबाव नहीं दिया विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार विजय माल्या को देश वापस लाने के लिए बचनबद्ध है, ताकि उनके विरुद्ध न्यायिक कार्रवाई की जा सके। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा था, "सरकार विजय माल्या पर न्यायिक कार्रवाई करने के लिए उन्हें वापस लाने को बचनबद्ध है। हम उन्हें वापस लाने से संबंधित कदमों पर विचार कर रहे हैं।"