नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने दिल्ली की एक अदालत के आदेश का पालन करते हुए नेशनल हेराल्ड मामले में शुक्रवार को सीलबंद लिफाफे में साल 2010-11 की अपनी बैलेंस शीट सौंपी। इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल गांधी और पांच अन्य आरोपी हैं। कांग्रेस के अलावा एसोसिएटेड जर्नल्स प्राइवेट ने भी सीलबंद लिफाफे में उसी वित्तीय वर्ष के लिए अपनी बैलेंस शीट मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट लवलीन को सौंपी। कांग्रेस और एजेएल दोनों ने अदालत से अनुरोध किया कि दस्तावेजों को आवेदनकर्ता के वकील को सुने बिना खोला या रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि तलब किए गए दस्तावेज पहले ही अदालत के रिकॉर्ड में हैं और ‘दस्तावेजों को तलब करने की प्रार्थना (शिकायतकर्ता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने) या तो सर्वथा भूलवश की है या महज मुद्दे को प्रचारित करने के लिए की है।’ उन्होंने अदालत में पेश की गई अपनी अलग याचिका में कहा, ‘फिर भी आवेदक (कांग्रेस और एजेएल) इस अदालत के निर्देश का पालन करते हुए सीलबंद लिफाफे में दस्तावेज सौंप रहे हैं।’ 11 मार्च को अदालत ने कांग्रेस और एजेएल से साल 2010-11 के लिए दस्तावेज तलब किया था।
उन्होंने कहा था कि इन दस्तावेजों को आरोपी का निजी दस्तावेज नहीं कहा जा सकता। सुनवाई के दौरान कांग्रेस और एजेएल के वकील ने कहा कि मामला पहले ही अदालत के समक्ष लंबित है। इसके बाद न्यायाधीश ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख पांच मई निर्धारित कर दी।