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नई दिल्ली: कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को पनामा दस्तावेज लीक मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली पर निशाना साधा और उनसे इस प्रकरण की जांच से खुद को अलग करने के लिए कहा। इन दोनों दलों ने अपनी मांगों को लेकर दलील दी है कि खेल कंपनी के मालिक लोकेश शर्मा के कर पनाहगाह ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में कथित तौर पर कंपनियां खोलने के मामले में निष्पक्ष जांच नहीं हो सकेगी। समाचार पत्र ‘द इंडियन एक्स्रपेस’ ने खबर प्रकाशित की है कि शर्मा ने ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में ‘खुद की’ दो कंपनियां खोली थीं। दूसरी तरफ, ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी मीडिया (टीसीएम) प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शर्मा ने कहा कि जिन कंपनियों को लेकर सवाल किया जा रहा है ‘उनकी स्थापना भारत के कानून के तहत दिए गए प्रावधानों के मुताबिक वैधानिक रूप से हुआ है।’ शर्मा के मामले को उठाने के अलावा कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि खोजी पत्रकारों के संगठन आईसीआईजे ने एक साल पहले भी एक अन्य पड़ताल में आरोप लगाया था कि भाजपा सांसद और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह की विदेश में कंपनियां है।

भाजपा सांसद ने इस आरोप को खारिज किया था। रमेश ने आइसलैंड के प्रधानमंत्री के मामले का हवाला देते हुए कहा कि रमन सिंह और उनके पुत्र को अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए। पनामा लीक मामले को लेकर कांग्रेस के आक्रामक रूख को रखते हुए रमेश ने मांग की कि जेटली को उन रिपोर्ट के मद्देनजर इस मामले की जांच से ‘खुद को अलग करना चाहिए’ जिनमें कहा गया है कि शर्मा की ‘भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं के साथ नजदीकी है।’ आम आदमी पार्टी ने पनामा दस्तावेज लीक मामले को लेकर जेटली पर निशाना साधा और उनके इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस और आप के आरोपों को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए शर्मा ने कहा, ‘मैंने मानहानि के मुकदमे में पहले ही यह बात दोहराई है कि श्री जेटली और उनके परिवार के सदस्यों से मेरा, मेरे परिवार के सदस्यों अथवा मेरी किसी कंपनी का कोई कारोबारी संबंध नहीं रहा है। मैं श्री जेटली का मित्र उसी तरह से रहा हूं जैसे राजनीति के क्षेत्र के दूसरे लोगों से मेरी मित्रता रही है।’ आप प्रवक्ता आशुतोष ने कहा, ‘जेटली वित्त मंत्री हैं और उनके तहत सभी जांच एजेंसियां आती हैं। इस स्थिति में शर्मा के मामले में निष्पक्ष जांच कैसी हो पाएगी जो जेटली के बहुत करीब माने जाते हैं। उनको इस्तीफा देना चाहिए और शर्मा के साथ अपने संबंधों को लेकर ,खुद को पाक-साफ साबित करना चाहिए।’ रमेश ने कहा कि इस मामले की जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में होनी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि पनामा की कर चोरों वालीं भारतीय सूची में वे लोग शामिल हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मित्र, शुभचिंतक और दूत’ के तौर पर जाने जाते हैं।

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