नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान के इस दावे को आज (गुरूवार) खारिज कर दिया कि उसकी जेआईटी को सुरक्षाबलों के गवाहों से नहीं मिलने दिया गया। इसके साथ ही भारत ने कहा कि पाकिस्तानी जांच टीम का कार्य उन संदर्भ शर्तों (टीओआर) के अनुरूप था जिन पर दोनों देशों की सरकारें सहमत हुयी थीं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि संयुक्त जांच दल (जेआईटी) की यात्रा पारस्परिक आधार पर और मौजूदा कानूनी प्रावधानों के अनुरूप थी। उन्होंने जोर दिया कि यह पहली बार है जब भारत सरकार को भारत में आतंकवादी हमले की जांच के लिए एक जेआईटी यात्रा के रूप में पाकिस्तान से सहयोग मिला। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के कल के बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘भारत में जेआईटी का कार्य टीओआर के अनुरूप था जिस पर दोनों सरकारें अपने अपने विदेश कार्यालयों के जरिए सहमत हुयी थीं। ये पारस्परिक आधार पर हैं और मौजूदा कानूनी प्रावधानों के अनुरूप हैं।’ पाकिस्तान ने कल कहा था कि उसकी जेआईटी को सुरक्षाबलों के गवाहों से नहीं मिलने दिया गया।
उन्होंने पाकिस्तानी मीडिया की एक रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया, जिसमें जेआईटी के एक अनाम सदस्य के हवाले से कहा गया था कि आतंकवादी हमला भारत द्वारा रचा गया था। उन्होंने कहा कि सरकार मीडिया की किसी काल्पनिक खबर पर प्रतिक्रिया नहीं जताती और वह इस बात पर ध्यान देगी कि पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय उसे औपचारिक रूप से क्या कहता है। पाकिस्तान द्वारा गिरफ्तार पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी के बारे में उन्होंने कहा कि भारत ने वाणिज्य दूत के स्तर पर पहुंच की मांग की है और इसकी प्रतीक्षा की जा रही है।