नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने देश में सूखे की स्थिति पर आंखें बंद रखने को लेकर केंद्र सरकार को बुधवार को आड़े हाथों लिया। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति एन वी रमण की पीठ ने गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ)‘स्वराज अभियान’की याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि देश के नौ राज्य सूखे से प्रभावित हैं और केंद्र सरकार इस पर अपनी आंखें बंद नहीं रख सकती। पीठ ने इससे निपटने के लिए जरूरी कदम उठाये जाने की आवश्यकता भी जताई। न्यायालय ने केंद्र को गुरुवार तक हलफनामा देकर यह बताने का निर्देश दिया है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) योजना सूखा-प्रभावित राज्यों में कैसे लागू की जा रही है। शीर्ष अदालत ने सरकार से यह जानना चाहा है कि इन राज्यों में वह किस तरह फंड मुहैया करा रही है। योगेंद्र यादव के एनजीओ की तरफ से दायर की गई जनहित याचिका में सूखा प्रभावित राज्यों के लोगों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्यान्न उपलब्ध कराने का केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई है। साथ ही राहत एवं पुनर्वास के अन्य उपाय किये जाने के लिए केंद्र को आदेश देने का अनुरोध भी किया गया है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना समेत नौ राज्य सूखे की चपेट में हैं। कई राज्यों में सूखे से हालात इतने बदतर हो गए हैं कि लोग पीने के पानी तक को तरस गए हैं और अब पलायन करने को मजबूर हैं। मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी।