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इस्लामाबाद/नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच मंगलवार को तब वाकयुद्ध शुरू हो गया जब पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार किए गए भारतीय नौसेना के एक पूर्व अधिकारी का एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने अपने देश के इशारे पर बलूचिस्तान में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने का कथित इकबालिया बयान देने का दावा किया। हालांकि, भारत ने इस आरोप को खारिज कर दिया और आरोप लगाया कि हो सकता है कि उन्हें ईरान से अपह्त कर लिया गया हो। भारत ने साथ ही पाकिस्तान से भारतीय नागरिक को दूतावास तक पहुंच मुहैया कराने की मांग की है। पाकिस्तानी सेना के इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल असीम बाजवा और संघीय सूचना मंत्री परवेज राशिद ने वीडियो जारी करने के लिए इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन किया। उन्होंने कहा कि कुलभूषण यादव ने अशांत बलूचिस्तान प्रांत में संकट पैदा करने के लिए भारतीय गुप्तचर एजेंसी रॉ के लिए काम करने की बात स्वीकार की है। यादव को हाल ही में पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था और पाकिस्तान ने उन्हें भारतीय नौसेना का अधिकारी बताया है। हालांकि भारत सरकार ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि नौसेना से समय पूर्व सेवानिवृत्ति लेने के बाद से उनका सरकार से कोई सम्पर्क नहीं है।

यद्यपि बाजवा ने दावा किया कि यादव अब भी सेवारत अधिकारी हैं जिन्हें 2022 में सेवानिवृत्त होना है। विदेश मंत्रालय ने दिल्ली में मंगलवार रात जारी एक बयान में कहा, हमने पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी का जारी वीडियो देखा है, जो ईरान में व्यापार कर रहे थे तथा जो अस्पष्ट परिस्थितियों में पाकिस्तान की हिरासत में हैं। वीडिया में यह व्यक्ति जो बयान दे रहा है उसका वास्तव में कोई आधार नहीं है। व्यक्ति जो यह दावा करता है कि वह ये बयान अपनी इच्छा से दे रहा है, न केवल सहज विश्वास को चुनौती देता है बल्कि स्पष्ट तौर पर सिखाये जाने का संकेत करता है। बयान में कहा गया है, सरकार इन आरोपों को सिरे से खारिज करती है कि यह व्यक्ति हमारे इशारे पर पाकिस्तान में विध्वंसकारी गतिविधियों में लिप्त था। हमारी जांच से यह खुलासा होता है कि ईरान से एक वैध व्यापार संचालित करने के दौरान उसे परोक्ष रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। इसमें कहा गया है, हम जहां इस पहलु की आगे भी जांच कर रहे हैं, अब उसकी पाकिस्तान में मौजूदगी के साथ ही ईरान से उसके अपहरण की आशंका सवाल खड़े करती है। यह तभी स्पष्ट होगा जब हमें उस तक दूतावास पहुंच मुहैया करायी जाए तथा हम पाकिस्तान सरकार से आग्रह करते हैं वह हमारे अनुरोध पर तत्काल जवाब दें। बयान में आगे कहा गया है, यहां यह ध्यान देना प्रासंगिक है कि हमारे अनुरोध के बावजूद हमें किसी विदेशी देश में हिरासत में रखे गए एक भारतीय नागरिक तक दूतावास पहुंच मुहैया नहीं करायी गई है जो एक स्वीकार्य अंतरराष्ट्रीय प्रथा है। यादव के मामले का उल्लेख करते हुए बाजवा ने भारत पर पाकिस्तान में राज्य प्रायोजित आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान में भारत के हस्तक्षेप का इससे स्पष्ट सबूत नहीं हो सकता। पाकिस्तान का दावा है कि यादव ने ईरान के चाबहार में एक छोटा कारोबार खड़ा किया था और कराची तथा बलूचिस्तान में पाक विरोधी गतिविधियों को निर्देशित किया। बाजवा ने राशिद के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, उसने इस्लाम धर्म अपना लिया और कबाड़ कारोबारी के रूप में गदानी में काम कर रहा था।

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