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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में आतंकी हमले के एक सप्ताह बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन देशों के आधिकारिक दौरे के तहत मंगलवार को ब्रसेल्स के लिए रवाना होंगे। अपने तीन देशों के प्रवास के दौरान वह वाशिंगटन में परमाणु सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेंगे और सऊदी अरब का भी दौरा करेंगे। ब्रसेल्स में मोदी भारत-यूरोपीय संघ शिखर बैठक में शामिल होंगे, जो लंबे समय से प्रस्तावित है। वह अपने बेल्जियम के समकक्ष चार्ल्स मिचेल के साथ द्विपक्षीय शिखर बैठक में भी शामिल होंगे, जिस दौरान आतंकवाद से निपटने के उपाय बातचीत का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा रहने वाले हैं। भारत-यूरोपीय संघ शिखर बैठक का मकसद दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक साझेदारी को प्रगाढ़ बनाना है। माना जा रहा है कि दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के उपायों पर भी विचार-विमर्श करेंगे। आखिरी शिखर बैठक साल 2012 में हुई थी।

भारत और यूरोपीय संघ के संबंधों में उस वक्त थोड़ा तनाव आ गया था जब 28 देशों के इस समूह ने पिछले साल अप्रैल में मोदी के फ्रांस, जर्मनी और कनाडा के दौरे के समय उनके ब्रसेल्स के संक्षिप्त दौरे से संबंधित नयी दिल्ली के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी थी। ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ का मुख्यालय है। संयुक्त सचिव (यूरोप) नंदिनी सिंघला ने संवाददाताओं से कहा, ब्रसेल्स में हमला इस बातचीत का महत्वपूर्ण हिस्सा रहने वाला है। वास्तव में यह बातचीत का शुरूआती बिंदु रहने वाला है। ब्रसेल्स में मोदी हीरा व्यापारियों के एक प्रतिनिधिमंडल सहित शीर्ष कारोबारियों से मुलाकात करेंगे तथा भारतीय प्रवासियों को भी संबोधित करेंगे। वह भारतविदों के एक प्रतिनिधिमंडल और सांसदों से अलग अलग मुलाकात करेंगे। बेल्जियम का एंटवर्प शहर हीरा व्यापार का सबसे बड़ा वैश्विक केंद्र है। इस शहर में भारतीय व्यापारियों की संख्या अच्छी खासी है। बसेल्स के बाद परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में शामिल होने जाएंगे वाशिंगटन मोदी 31 मार्च को चौथे परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन (एनएसएस) में भाग लेने के लिए ब्रसेल्स से वाशिंगटन रवाना होंगे। इस सम्मेलन में वह एक अप्रैल को परमाणु सुरक्षा के संदर्भ में कुछ अहम घोषणाएं करेंगे और प्रस्ताव रखेंगे। भारत इस सम्मेलन में परमाणु सुरक्षा पर राष्ट्रीय प्रगति रिपोर्ट सौंपेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका में मोदी अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ से मुलाकात करेंगे, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया और सिर्फ यह कहा कि अंतरराष्ट्रीय बैठकों से इतर नेताओं का अपने समकक्षों से मिलना सामान्य है। दो अप्रैल को सऊदी अरब के दौरे पर जाएंगे पीएम प्रधानमंत्री अमेरिका के दौरे के बाद दो अप्रैल को दो दिवसीय यात्रा पर सऊदी अरब की राजधानी रियाद जाएंगे। वह सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सउद के आमंत्रण पर पहुंच रहे हैं। सऊदी अरब और भारत के बीच साल 2014-15 में द्विपक्षीय व्यापार 39 अरब डॉलर था। वह भारत में कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। सऊदी अरब में 29.6 लाख से अधिक भारतीय नागरिक रह रहे हैं। वहां सबसे अधिक प्रवासी भारत के ही हैं। साल 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दौरे के बाद यह सऊदी अरब के लिये सबसे उच्च स्तरीय दौरा हो रहा है। मोदी शाह सलमान के साथ आतंकवाद विरोधी व्यवस्था को विस्तत बनाने और ऊर्जा, व्यापार के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने सहित कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे। आतंकवाद विरोधी लड़ाई में बढ़ते सहयोग का संकेत देते हुए सऊदी अरब ने कुछ साल पहले मुंबई हमले के आरोपी अबू जंदल को प्रत्यर्पित किया था। दोनों नेताओं के बीच बातचीत में भारतीय समुदाय के कल्याण और हज श्रद्धालुओं का मुददा प्रमुख रह सकता है। शाह सलमान मोदी के लिए दोपहर के भोज का आयोजन करेंगे जिसमें प्रमुख मंत्री और अधिकारी शामिल होंगे। रियाद में प्रधानमंत्री सऊदी अरब की कंपनियों के सीईओ से मुलाकात करेंगे, वह मशहूर मासमाक किला जाएंगे, भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करेंगे तथा उस टाटा कंसलटेंसी सेंटर का दौरा भी करेंगे, जिसने 1,000 से अधिक सऊदी महिलाओं को प्रशिक्षित किया है।

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