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नई दिल्ली: कांग्रेस शासित उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की पृष्ठभूमि में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। वह मोदी सरकार पर आरोप लगा चुके हैं कि वह केन्द्रीय एजेंसियों का उपयोग कर उनकी सरकार गिराने की कोशिश कर रही है। उधर, भाजपा ने यह कहते हुए वीरभद्र के आरोपों को खारिज कर दिया कि यह ‘सस्ती सहानुभूति’ पाने की कोशिश है। उसने कहा कि वीरभद्र अभी तक जेल जाने से बच रहे हैं लेकिन वह ‘कभी भी जा सकते हैं।’ माना जाता है कि आमदनी से ज्यादा संपत्ति के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच का सामना कर रहे सिंह ने कांग्रेस प्रमुख को उनकी सरकार गिराने के मोदी सरकार के ‘अनवरत प्रयासों’ की जानकारी दी। वीरभद्र के करीबी सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पहले सोनिया से मुलाकात का समय मांगा था, लेकिन तब मुलाकात नहीं हो पाई थी। अब यह मुलाकात हो रही है। वीरभद्र ने सोनिया के साथ उनके 10 जनपथ स्थित निवास पर कुछ मिनट की मुलाकात की और समझा जाता है कि अपने खिलाफ मामलों पर भी चर्चा की।

वह बाद में शिमला रवाना हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार एक-एक कर कांग्रेस शासित सरकारों को गिरा रही है और इस संबंध में अरूणाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड की मिसाल दी। वीरभद्र ने भाजपा नीत केन्द्र सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि वह उन्हें विभिन्न मामलों में फंसाने के लिए सरकारी एजेंसियों का ‘दुरूपयोग’ कर रही है। उल्लेखनीय है कि 81 वर्षीय मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने आय से ज्यादा संपत्ति के सिलसिले में मामला दर्ज किया है और पिछले हफ्ते आठ करोड़ रुपये मूल्य की उनकी संपत्तियां कुर्क की है। इस बीच, भाजपा ने वीरभद्र के इन आरोपों को खारिज किया कि वह उनकी सरकार गिराने की कोशिश कर रही है। उसने कहा कि वीरभद्र के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते कांग्रेस में उनके खिलाफ असंतोष है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव एवं हिमाचल प्रदेश के पार्टी प्रभारी श्रीकांत शर्मा ने कहा, ‘प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली में उनकी संपत्ति कुर्क की है। उनके खिलाफ कांग्रेस में असंतोष है। अभी तक, वह जेल जाने से बचने का प्रयास करते रहे हैं। वह वहां कभी भी जा सकते हैं। इसलिये वह सस्ती सहानुभूति हासिल करने के लिए इस तरह के अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।’ शर्मा ने कहा कि अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल जैसे राज्यों में कांग्रेस आंतरिक संकट से ग्रस्त है। भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि वीरभद्र के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से कांग्रेस में असंतोष को बढ़ावा मिला है। शर्मा ने कहा कि वीरभद्र को अपने पद से हट जाना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ आपराधिक मामलों के चलते राज्य सरकार पंगु हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘वह जबरदस्त भ्रष्टाचार के आरोपी हैं। भ्रष्टाचार के आरोप के चलते उन्हें संप्रग सरकार से मंत्री के रूप में हटना पड़ा था।’ भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि उनके खिलाफ सीबीआई जांच संप्रग शासन में शुरू हुई थी। शर्मा ने कहा, ‘जांच के लिए भाजपा पर आरोप नहीं लगाया जाना चाहिए। पहले, राजनीतिक कारणों से जांच धीमी थी और अब यह सही दिशा में बढ़ रही है।’

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