वाशिंगटन: रक्षामंत्री एश्टन कार्टर की भारत यात्रा से पहले अमेरिकी संसद ‘कांग्रेस’ में एक प्रस्ताव पेश किया गया है जिसका मकसद व्यापार एवं प्रौद्योगिकी अंतरण के मामले में भारत को अमेरिका के नाटो सहयोगियों के बराबर लाना और अमेरिका से रक्षा सामग्रियों के निर्यात के बाबत इसके दर्जे को ऊपर उठाना है। कांग्रेस के सदस्य एवं हाउस इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष जॉर्ज होल्डिंग की ओर से पेश किए गए अमेरिका-भारत रक्षा प्रौद्योगिकी एवं साझेदारी अधिनियम (एचआर-4825) में शस्त्र निर्यात नियंत्रण कार्य-योजना में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है ताकि अमेरिका के नाटो सहयोगियों एवं सबसे करीबी साझेदारों के बराबर दर्जे वाले प्रमुख साझेदार के रूप में संसदीय अधिसूचनाओं के उद्देश्य से भारत के दर्जे को औपचारिक रूप दिया जा सके। होल्डिंग ने कांग्रेस के निचले सदन प्रतिनिधि सभा को बताया, ‘‘इस कानून से उस प्रक्रिया को ठोस रूप मिलेगा जो पहले ही तय की जा चुकी है और यह भविष्य के सहयोग एवं विकास की आधारशिला रखेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह कानून अमेरिका से भारत को रक्षा सामग्रियों की बिक्री या निर्यात की अधिसूचना के लिए जरूरी समय में कमी लाकर भारत के दर्जे को उपर उठाएगा।
इससे आकस्मिक स्थितियों के लिए और संयुक्त योजनाएं बनाने के काम को बढ़ावा मिलेगा और अमेरिकी सरकार की समीक्षा और आपसी हितों के सैन्य अभियानों के क्रियान्वयन के लिए भारत की काबिलियत के आकलन की जरूरत होगी।’’ अगले महीने कार्टर की भारत यात्रा से पहले पेश किए गए प्रस्ताव का स्वागत करते हुए अमेरिका भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) ने कहा कि इसने भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान को एक महत्वपूर्ण संकेत दिया है कि आज की राजनीतिक स्थितियां पहले से अलग हैं।