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दुबई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इजराइल के राष्ट्रपति आइजैक हर्जोग से शुक्रवार को मुलाकात की और बातचीत तथा कूटनीति के जरिये इजराइल-फलस्तीन मुद्दे के शीघ्र और स्थायी समाधान के लिए भारत के समर्थन को रेखांकित किया। मोदी ने यहां संयुक्त अरब अमीरात में सीओपी28 विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन के इतर हर्जोग से मुलाकात की।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ‘एक्स’ पर कहा कि प्रधानमंत्री ने सात अक्टूबर के आतंकवादी हमलों में लोगों की मौत पर संवेदना व्यक्त की और बंधकों की रिहाई का स्वागत किया। हमास के आतंकवादियों ने सात अक्टूबर को इजराइल पर जबरदस्त हमला किया था, जिससे युद्ध शुरू हो गया था। मोदी और हर्जोग ने क्षेत्र में जारी इजराइल-हमास संघर्ष पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

बागची ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने प्रभावित लोगों तक मानवीय सहायता निरंतर और सुरक्षित तरीके से पहुंचाने की आवश्यकता दोहराई।’’मोदी ने दो-राष्ट्र समाधान और बातचीत तथा कूटनीति के माध्यम से इजराइल-फलस्तीन मुद्दे के शीघ्र तथा स्थायी समाधान के लिए भारत के समर्थन पर जोर दिया।

दुबई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2028 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन या सीओपी33 की मेजबानी भारत में करने का शुक्रवार को प्रस्ताव रखा और लोगों की भागीदारी के माध्यम से ‘कार्बन सिंक' बनाने पर केंद्रित ‘ग्रीन क्रेडिट' पहल की शुरुआत की। दुबई में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन के दौरान राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाकर दुनिया के सामने बेहतरीन उदाहरण पेश किया है।

पीएम ने कहा कि भारत दुनिया के उन कुछ देशों में से एक है, जो तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अपने निर्धारित योगदान या राष्ट्रीय योजनाओं को हासिल करने की राह पर है। सीओपी28 के अध्यक्ष सुल्तान अल जाबेर और संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन के अध्यक्ष साइमन स्टिल के साथ आरंभिक पूर्ण सत्र में शामिल होने वाले मोदी एकमात्र नेता थे।

प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने और अनुकूलन के बीच संतुलन बनाए रखने का आह्वान किया और कहा कि दुनिया भर में ऊर्जा परिवर्तन ‘‘न्यायसंगत और समावेशी'' होना चाहिए।

नई दिल्ली: पश्चिम एशिया के गाजा में युद्ध और 47 दिनों के हिंसक संघर्ष में अब तक 15 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अभूतपूर्व मानवीय संकट के बीच संघर्षविराम की चौतरफा अपील हुई। इसके बावजूद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कर दिया कि युद्धविराम के बाद भी इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) की कार्रवाई बंद नहीं होगी। हालांकि, बीते सात अक्तूबर से शुरू हुआ रक्तपात 24 नवंबर को कतर की प्रभावी मध्यस्थता और हस्तक्षेप के बाद बीते छह दिनों से थमा हुआ है। 29 नवंबर (भारतीय समयानुसार) को संघर्ष विराम विस्तार की समयसीमा खत्म हो रही है। दरअसल, युद्धविराम के पीछे सबसे अहम भूमिका कतर में हुई एक गुप्त बैठक की है। इसमें इजरायल, अमेरिका और कतर के बड़े अधिकारी वार्ता की मेज पर आए।

इजरायल और हमास के युद्ध की शुरुआत के 53 दिन बीतने के बाद यह जानना रोचक है कि युद्धविराम के प्रमुख कारक क्या हैं? किन देशों के प्रभावी दखल के कारण इस्राइल और हमास के बीच युद्धविराम हुआ? यह जानना भी बेहद दिलचस्प है।

वाशिंगटन: अमेरिका में बुधवार (29 नवंबर) को संघीय अभियोजकों ने एक भारतीय पर एक सिख अलगाववादी की अमेरिकी धरती पर हत्या की नाकाम साजिश रचने का आरोप लगाया। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी मैथ्यू जी ऑलसेन ने कहा कि 52 वर्षीय निखिल गुप्ता पर सुपारी देकर हत्या का आरोप लगाया गया है, जिसमें अधिकतम 10 साल कारावास की सजा हो सकती है, साथ ही सुपारी देकर हत्या करने की साजिश रचने के आरोप में भी अधिकतम 10 साल जेल की सजा का प्रावधान है।

भारतीय नागरिक पर लगाए गए आरोप में क्या कहा गया?

अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि गुप्ता ने न्यूयॉर्क शहर में रहने वाले सिख अलगाववादी नेता की हत्या के लिए हत्यारे को एक लाख अमेरिकी डॉलर देने की बात स्वीकार कर ली है। आरोपों के अनुसार, ''नौ जून 2023 या उसके आसपास गुप्ता ने हत्या के लिए सुपारी दी थी, जिसके अग्रिम भुगतान के रूप में उन्होंने न्यूयॉर्क के मैनहट्टन में हत्यारे को 15 हजार अमेरिकी डॉलर नकद देने के लिए एक सहयोगी की भी व्यवस्था की थी।''

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