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माले: भारत और मालदीव के बीच बिगड़ते रिश्ते के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत को 15 मार्च तक अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहा है। मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय सैन्यकर्मियों को 15 मार्च तक देश छोड़ देना चाहिए। यह घटनाक्रम मोहम्मद मुइज्जू द्वारा चुने जाने के बाद चीन की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर शी जिनपिंग से मुलाकात के कुछ दिनों बाद सामने आया है।

राष्ट्रपति कार्यालय में पब्लिक पॉलिसी विभाग के सचिव अब्दुल्ला नाज़िम इब्राहिम ने कहा कि भारतीय सैन्यकर्मी मालदीव में नहीं रह सकते। यह राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू और उनकी सरकार की नीति है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मालदीव में करीब 88 भारतीय सैनिक अभी मौजूद हैं।

"व्यावहारिक समाधान" पर बनी थी सहमति

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने नवंबर में मालदीव का दौरा किया था और वर्तमान राष्ट्रपति से मुलाकात की थी।

माले: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे की तस्वीरें सोशल मीड‍िया पर शेयर किए जाने के बाद से भारत-मालदीव के बीच तल्‍खी बरकरार है। ऐसे में अब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का ताजा बयान आया है, ज‍िसमें उन्‍होंने भारत पर अप्रत्‍यक्ष रूप से कटाक्ष किया है।

ह‍िन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स की र‍िपोर्ट के मुताब‍िक, राष्‍ट्रपत‍ि मुइज्‍जू अपनी 5 द‍िवसीय चीन यात्रा पूरी कर मालदीव लौटे हैं। उन्‍होंने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान कहा कि हम छोटे हो सकते हैं, लेकिन इससे उनको हमें धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता है।

पीएम मोदी पर मालदीव के मंत्र‍ियों ने की थी अपमानजनक ट‍िप्‍पणी

मालदीव के राष्‍ट्रपत‍ि का यह बयान उस समय आया है जब दोनों देशों के राजनय‍िक संबंध तनावपूर्ण माने जा रहे हैं। व‍िवाद उस वक्‍त उपजा था जब द्वीप राष्ट्र मालदीव के नेताओं और कई मंत्रि‍यों ने प्रधानमंत्री मोदी की हालिया लक्षद्वीप यात्रा पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। इस मामले पर मालदीव सरकार ने अपने 3 मंत्रियों को उनके पदों से पिछले 7 जनवरी को निलंबित भी कर द‍िया था।

संयुक्त राष्ट्र: लाल सागर में यमन समर्थित हूती विद्रोहियों (के हमलों की खबरें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। हूतियों के आतंक की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। इसके जवाब में अमेरिका-यूके ने यमन पर हमला कर दिया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सभी पक्षों से लाल सागर में अस्थिर स्थिति को "नहीं बढ़ाने" का आह्वान किया। उनके प्रवक्ता ने ये बात शुक्रवार को वाशिंगटन और लंदन द्वारा यमन के हूती विद्रोहियों पर हमले शुरू करने के बाद कही।

अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन में हूतियों के ठिकानों पर हमले किए हैं। यमन की राजधानी सना में कम से कम तीन धमाके सुने गए। सना के अलावा सदाह, होदैदाह, तैज़ और धमर प्रशासनिक क्षेत्रों में भी हूती के ठिकानों को निशाना बनाया गया। इससे अन्य देश क्यों चिंता में हैं?

हूतियों के खिलाफ शुक्रवार की सुबह हमलों की बौछार शुरू हो गई। हूती विद्रोहियों का कहना है कि वह गाजा के साथ एकजुटता से काम कर रहे हैं।

वाशिंगटन: ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के हमलों को लेकर अमेरिका और ब्रिटेन का सब्र का बांध टूट गया है। अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन में हूती विद्रोहियों से जुड़े ठिकानों पर हमले करने शुरू कर दिये हैं। चार अमेरिकी अधिकारियों ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि ईरान समर्थित समूह के खिलाफ पहली बार हमले शुरू किए गए हैं, क्योंकि लाख समझाने के बावजूद हूती विद्रोही अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट पर कमर्शियल जहाजों को निशाना बना रहे हैं। पिछले साल के अंत में शुरू हुए हूती विद्रोहियों के ये हमले अमेरिका की चेतावनी के बाद भी रुक नहीं रहे हैं।

लाल सागर के शिपिंग मार्गों को निशाना बना रहे हूती

हूती विद्रोही, जो यमन के अधिकांश हिस्से को नियंत्रित करते हैं, फिलिस्तीनी इस्लामी समूह हमास के लिए अपना समर्थन दिखाने के लिए लाल सागर के शिपिंग मार्गों को निशाना बना रहे हैं। हमलों ने यूरोप और एशिया के बीच प्रमुख मार्ग पर अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य को समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है, जो दुनिया के शिपिंग यातायात का लगभग 15% है।

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