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वाशिंगटन: ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के हमलों को लेकर अमेरिका और ब्रिटेन का सब्र का बांध टूट गया है। अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन में हूती विद्रोहियों से जुड़े ठिकानों पर हमले करने शुरू कर दिये हैं। चार अमेरिकी अधिकारियों ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि ईरान समर्थित समूह के खिलाफ पहली बार हमले शुरू किए गए हैं, क्योंकि लाख समझाने के बावजूद हूती विद्रोही अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट पर कमर्शियल जहाजों को निशाना बना रहे हैं। पिछले साल के अंत में शुरू हुए हूती विद्रोहियों के ये हमले अमेरिका की चेतावनी के बाद भी रुक नहीं रहे हैं।

लाल सागर के शिपिंग मार्गों को निशाना बना रहे हूती

हूती विद्रोही, जो यमन के अधिकांश हिस्से को नियंत्रित करते हैं, फिलिस्तीनी इस्लामी समूह हमास के लिए अपना समर्थन दिखाने के लिए लाल सागर के शिपिंग मार्गों को निशाना बना रहे हैं। हमलों ने यूरोप और एशिया के बीच प्रमुख मार्ग पर अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य को समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है, जो दुनिया के शिपिंग यातायात का लगभग 15% है।

2016 के बाद हूतियों के खिलाफ अमेरिका का पहला हमला

ऐसा माना जाता है कि 2016 के बाद से यमन में हूतियों के खिलाफ अमेरिका द्वारा किया गया यह पहला हमला है। अमेरिकी अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि जल्द ही एक औपचारिक बयान में हमलों के बारे में विस्तृत जानकारी मिलने की उम्मीद है। इससे पहले गुरुवार को, हूतियों विद्रोहियों के नेता ने कहा कि समूह पर कोई भी अमेरिकी हमला बिना प्रतिक्रिया के नहीं होगा।

इजरायल के जहाजों पर हमला करने की  खाई कसम...

हूती विद्रोहियों ने गृहयुद्ध में यमन के अधिकांश हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया था, उन्‍होंने इजरायल से जुड़े या इजरायली बंदरगाहों की ओर जाने वाले जहाजों पर हमला करने की कसम खाई है। हालांकि, अभी तक जिन जहाजों पर हूतियों ने हमला किया, उन जहाजों में से कई का इजरायल से कोई संबंध नहीं था। अमेरिकी सेना ने गुरुवार को कहा कि हूती विद्रोहियों ने अदन की खाड़ी में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन में एक जहाज-रोधी बैलिस्टिक मिसाइल दागी, जो 19 नवंबर के बाद से समूह द्वारा किया गया 27वां हमला है।

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