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अमरावती: आंध्र प्रदेश विधानसभा ने राज्य विधान परिषद समाप्त करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने कल विधानसभा में यह प्रस्ताव पेश किया। विधानसभ अध्यक्ष तम्मिनेनि सीताराम ने घोषणा की कि प्रस्ताव 133 सदस्यों के समर्थन से स्वीकार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि विधानसभा ने व्यापक विचार विमर्श के बाद परिषद भंग करने का प्रस्ताव पारित किया है। इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी अब यह प्रस्ताव आवश्यक कार्यवाही के लिए केंद्र को भेजा जाएगा। विपक्षी तेलुगुदेशम पार्टी के बहुमत वाले ऊपरी सदन में वाईएसआर कांग्रेस सरकार के तीन राजधानियों से संबंधित अपने दो महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराने में विफल होने के बाद यह कदम उठाया गया है।
माना जा रहा है कि सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस दूसरी योजना पर भी काम कर रही है जिसमें विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के विधान पार्षदों को अपने पाले पर करना भी शामिल है। पार्टी पहले ही तेदेपा के दो विधान पार्षदों को तोड़ चुकी है।
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अमरावती: आंध्र प्रदेश की जगन मोहन रेड्डी सरकार ने विधान परिषद खत्म करने के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है। सोमवार सुबह हुई कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया। एएनआई को वाईएसआरसीपी के विधायक गुडीवाड़ा अमरनाथ ने बताया कि आंध्र प्रदेश कैबिनेट ने विधान परिषद को खत्म करने के फैसले को मंजूरी दी है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी पहले ही उच्च सदन की जरूरत पर सवाल उठा चुके हैं। राज्य विधानसभा का विस्तारित शीत कालीन सत्र सोमवार को दोबारा शुरू हो रहा है। 17 दिसंबर से जारी राजनीतिक गतिरोध के मद्देनजर कैबिनेट ने विधान परिषद को खत्म करने का प्रस्ताव पारित कर दिया है।
माना जा रहा है कि सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस दूसरी योजना पर भी काम कर रही है जिसमें विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के विधान पार्षदों को अपने पाले पर करना भी शामिल है। पार्टी पहले ही तेदेपा के दो विधान पार्षदों को तोड़ चुकी है। अगर यथास्थिति बनी रही तो वाईएसआर कांग्रेस विधान परिषद में 2021 में ही बहुमत हासिल कर सकती है जब विपक्ष के कई सदस्य छह वर्षीय कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त होंगे।
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अमरावती: वाईएस जगनमोहन रेड्डी सरकार को झटका देते हुए तेदेपा के बहुमत वाली आंध्र प्रदेश विधान परिषद ने राज्य की तीन राजधानियां बनाने पर केंद्रित दो विधेयकों को बुधवार (22 जनवरी) को प्रवर समिति को भेजने का फैसला किया। पांच घंटे तक चली गहन चर्चा और शोरशराबे के बाद 58 सदस्यीय उच्च सदन ने तेलुगू देशम पार्टी की मांग के अनुरूप दोनों विधेयकों को प्रवर समिति को भेजने का संकल्प व्यक्त किया। विधान परिषद में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के केवल नौ सदस्य हैं।
राज्य विधानसभा ने इन विधेयकों को तेदेपा के 17 विधायकों के निलंबन के बाद सोमवार (20 जनवरी) को पारित किया था। तीन राजधानियां बनाने के प्रस्ताव का अमरावती क्षेत्र के किसान भारी विरोध कर रहे हैं। उनकी मांग है कि अमरावती को ही राजधानी के रूप में रखा जाना चाहिए।
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नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश विधानसभा में सोमवार को राज्य में तीन राजधानी बनाने वाला प्रस्ताव पास हो गया है। देर रात विधानसभा ने आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण एवं सभी क्षेत्रों का समावेशी विकास विधेयक, 2020 को मंजूरी दे दी। इससे पहले प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी के संबोधन को बाधित करने के लिए सोमवार को विपक्षी तेलगू देशम पार्टी के 17 विधायकों को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था।
सदन में उस समय गतिरोध पैदा हो गया, जब तेदेपा विधायक सभापति के आसन के समीप आ गए और नारे लगाने लगे तथा अपने नेता एन चंद्रबाबू नायडू को बोलने की अनुमति देने की मांग कर रहे थे। इससे झल्लाए जगन ने सभापति से हाउस मार्शल बुलाने और विपक्षी सदस्यों को बाहर निकालने के लिए कहा। विधायी मामलों के मंत्री बुग्गाना राजेंद्रनाथ ने 17 तेदेपा विधायकों को निलंबित करने के लिए प्रस्ताव रखा जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। तेदेपा विधायकों में अत्चन्नायडू और एन चाइना राजप्पा शामिल थे। इसके बाद मार्शलों ने सदन में प्रवेश किया और तेदेपा विधायकों को बाहर ले जाने लगे। इस दौरान तेदेपा विधायकों ने प्रतिरोध किया, जिससे अफरातफरी मच गई।
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