ताज़ा खबरें
महाकुंभ भगदड़ मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जनहित याचिका हुई दायर
महाकुंभ भगदड़: बंगाल के परिवारों का शव बिना मृत्यु प्रमाण पत्र के सौंपे
हमास ने 8 बंधक छोड़े, इजरायल ने फलस्तीनी कैदियों को नहीं किया रिहा
राहुल ने नाव में बैठकर पूछा-केजरीवाल जी, यमुना में डुबकी कब लगाएंगे
संसद का बजटसत्र रहेगा हंगामेदार, महाकुंभ भगदड़ का मुद्दा भी गूंजेगा

अमरावती: आंध्र प्रदेश की जगन मोहन रेड्डी सरकार ने विधान परिषद खत्म करने के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है। सोमवार सुबह हुई कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया। एएनआई को वाईएसआरसीपी के विधायक गुडीवाड़ा अमरनाथ ने बताया कि आंध्र प्रदेश कैबिनेट ने विधान परिषद को खत्म करने के फैसले को मंजूरी दी है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी पहले ही उच्च सदन की जरूरत पर सवाल उठा चुके हैं। राज्य विधानसभा का विस्तारित शीत कालीन सत्र सोमवार को दोबारा शुरू हो रहा है। 17 दिसंबर से जारी राजनीतिक गतिरोध के मद्देनजर कैबिनेट ने विधान परिषद को खत्म करने का प्रस्ताव पारित कर दिया है।

माना जा रहा है कि सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस दूसरी योजना पर भी काम कर रही है जिसमें विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के विधान पार्षदों को अपने पाले पर करना भी शामिल है। पार्टी पहले ही तेदेपा के दो विधान पार्षदों को तोड़ चुकी है। अगर यथास्थिति बनी रही तो वाईएसआर कांग्रेस विधान परिषद में 2021 में ही बहुमत हासिल कर सकती है जब विपक्ष के कई सदस्य छह वर्षीय कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त होंगे।

वाईएसआर कांग्रेस के 58 सदस्यीय विधान परिषद में मात्र नौ सदस्य है और इसकी वजह से सरकार को राज्य की तीन राजधानी बनाने की योजना को मंजूरी दिलाने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख