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हैदराबाद: देश में कोरोना वायरस के मामलों में पिछले कुछ दिनों से काफी तेजी आई है और इनमें से अधिकतर वो लोग हैं जिन्होंने दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज में आयोजित धार्मिक समारोह में शिरकत की थी। लेकिन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी इन सबसे बिल्कुल अलग राय रखते हैं। शनिवार की शाम टेलीविजन पर अपील में जगन रेड्डी ने कहा कि देश में कोविड-19 के फैलने के लिए किसी एक धार्मिक समारोह को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं है क्योंकि कुछ ऐसी ही बैठकें अन्य धर्मों के आयोजन में भी हुई होंगी।

उन्होंने कहा, “हमारे राज्यों से कुछ कुछ लोग दिल्ली में एक धार्मिक समारोह में शिरकत करने गए जहां पर विदेश के लोग भी आए हुए थे। ऐसा कहा गया कि उनमें से कुछ लोग संक्रमित थे और ये वायरस वहां से फैला है। वहां से जो कुछ भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था। इसका मतलब यह नहीं है कि बीमारी फैलने के लिए उसी समारोह को जिम्मेदार ठहरा देना चाहिए।” जगन ने आगे कहा, “धार्मिक आयोजन अन्य जगहों पर भी रवि शंकर, जग्गी वासुदेव, माता अमृतानंदमयी, पॉल दिनकरण और जॉन वेल्से की तरफ से किया जा रहा है।

ऐसे में तबलीगी के खिलाफ भेदभाव करने की कोई वजह नहीं है और उनका हौसला बढ़ाने की जरूरत है क्योंकि उन्होंने इस बीमारी को जान बूझकर नहीं फैलाया है।”

कोरोना वायरस संक्रमण के शनिवार तक देश में 3072 मामले आए हैं, जिनमें से करीब 30 पर्सेंट तबलीगी जमात से जुड़े हैं। जमात से जुड़े 1 हजार से अधिक लोग अब तक जांच में पॉजिटिव पाए गए हैं। डर है कि मरकज में शामिल होने के बाद देशभर में फैले जमात के सदस्यों ने बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित कर दिया होगा। ऐसे में जमात के सदस्यों और उनके संपर्क में आए लोगों को ट्रेस किया जा रहा है।

गृह मंत्रालय ने कहा है कि देशभर में ऐसे 22 हजार लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस को अधिक फैलने से रोकने के लिए जमात के सदस्यों और उनके संपर्क में आए लोगों को ट्रेस करने के लिए पूरा जोर लगाया जा रहा है। जमात के कार्यकर्ताओं और उनके नजदीकी करीब 22 हजार लोगों को अलग-थलग कर दिया गया है।

गौरतलब है कि मार्च महीने में करीब 8 हजार लोग मरकज में पहुंचे थे। इनमें बड़ी संख्या में विदेशी भी शामिल थे। यहां कोरोना संक्रमित होने के बाद बड़ी संख्या में लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में चले गए। 2 हजार से अधिक लोगों को मरकज की इमारत से निकाले जाने के बाद दिल्ली के अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटरों में भेजा गया। संयुक्त सचिव ने कहा कि मंत्रालय के कंट्रोल रूप से लॉकडाउन की 24x7 निगरानी की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि करीब 200 एनडीआरएफ कर्मी और सीआरपीएफ के जवान जमीन पर जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक लॉकडाउन काफी प्रभावी है और जरूरी सेवाओं की आपूर्ति भी संतोषजनक है। सभी राज्यों को भी मंत्रालय की ओर से निर्देश दिया गया है कि जरूर वस्तुओं की आपूर्ति लॉकडाउन के समय बाधित ना हो।

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