हैदराबाद: वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को वाईएस जगन मोहन रेड्डी को उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में 10 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। ऐसे में अगर जगन मोहन रेड्डी कोर्ट के निर्देश का पालन करते हैं तो यह पहला मौका होगा जब वो मुख्यमंत्री बनने के बाद व्यक्तिगत रूप से पहली बार कोर्ट में पेश होंगे।
बता दें कि इससे पहले रेड्डी की ओर से एक याचिका दायर कर अदालत में उपस्थित होने से छूट की मांग की गई थी। जिसमें उन्होंने हर शुक्रवार को अदालत में उपस्थित होने में खुद को सक्षम नहीं बताया था। वहीं इस पर वाईएसआरसी नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री सीबीआई अदालत के आदेश को राज्य के उच्च न्यायलय में चुनौती दे सकते हैं। दूसरी ओर से रेड्डी की ओर से दायर याचिका पर सीबीआई ने कहा कि संपत्ति मामले में सीएम को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट नहीं दी जाए। एजेंसी ने याचिका पर असंतोष व्यक्त किया।
इसके बाद कोर्ट ने जगन के वकील से कहा कि उनके मुवक्किल को पहले ही एक साथ 10 छूट दी जा चुकी है इसलिए अब कोई और अधिक छूट नहीं दी जाएगी।
कोर्ट ने कहा कि आरोपी को किसी भी परिस्थिति में अगले शुक्रवार (10 जनवरी) को अदालत में उपस्थि होना होगा। इसके अलावा कोर्ट ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के महासचिव और राज्यसभा सदस्य वी विजया साई रेड्डी को भी 10 जनवरी को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है। विजया साई रेड्डी जो कि मामले में अभियुक्त नंबर-2 (ए -2) हैं।
बता दें कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जो कि 2011 से सीबीआर्ई जांच का सामने कर रहे हैं। यहां तक कि मई 2012 से सितंबर 2013 के बीच 16 महीने तक जेल में भी रहे थे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद जगह मोहन रेड्डी ने अदालत में एक याचिका दायर की थी जिसमें पेशी पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने से छूट की मांग की थी। याचिका में उन्होंने कहा था कि राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शासन करने की संवैधानिक जिम्मेदारी का हवाला दिया था। सीबीआई ने जगन के खिलाफ कुल 11 आरोप पत्र दायर किए थे।