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अमरावती: आंध्र प्रदेश में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 81 नए मामले सामने आए हैं जिसके साथ रविवार को यहां संक्रमण के कुल 1,097 मामले हो गए। राज्य में एक दिन में अब तक सामने आए यह सर्वाधिक मामले हैं। सरकारी बुलेटिन में बताया गया कि कोविड-19 के कारण मौत का कोई नया मामला नहीं है जबकि विभिन्न जिलों में 60 मरीजों को उपचार के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी गई।

अकेले कृष्णा जिले से संक्रमण के 52 नए मामले सामने आए जिनमें सर्वाधिक विजयवाड़ा शहर में हैं। इस जिले में अब तक कुल 177 मामले आए हैं हालांकि कुरनूल और गुंटूर जिलों में इससे अधिक मामले हैं। कुरनूल में चार नए मामलों के साथ कुल 279 मामले हैं और गुंटूर में तीन नए रोगी सामने आने के बाद कुल रोगियों की संख्या 214 हो गई है।

अमरावती: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने लोगों को यह संदेश देने के लिए कोरोना वायरस की जांच से डरने की जरूरत नहीं है, स्वेच्छा से अपना कोविड-19 जांच कराया। शुक्रवार को उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। मुख्यमंत्री के खून के नमूने की जांच त्वरित जांच किट से की गई, जिसका आयात दक्षिण कोरिया से किया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की विज्ञप्ति के मुताबिक, त्वरित जांच किट से 10 मिनट में नतीजे सामने आ जाते हैं।

विज्ञप्ति में कोविड-19 कमान नियंत्रण केंद्र के समन्वयक डॉ. के रामबाबू को उद्धृत करते हुए कहा गया कि मुख्यमंत्री यह संदेश देना चाहते थे कि किसी भी जांच से हिचकना नहीं चाहिए और किसी तरह की आशंका नहीं होनी चाहिए। इसलिए उन्होंने खुद अपनी जांच कराई। कोविड-19 कमान नियंत्रण केंद्र के समन्वयक डॉ.के रामबाबू को उद्धृत करते हुए कहा गया कि मुख्यमंत्री यह संदेश देना चाहते थे कि किसी भी जांच से हिचकना नहीं चाहिए और किसी तरह की आशंका नहीं होनी चाहिए। इसलिए उन्होंने खुद अपनी जांच कराई।

अमरावती: आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस की जगनमोहन रेड्डी सरकार ने शुक्रवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त एन रमेश कुमार को अध्यादेश के जरिए पद से हटा दिया। आंध्र की जगनमोहन रेड्डी सरकार ने इसके लिए 'आंध्र प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1994' में संशोधन करते हुए एसईसी यानी राज्य निर्वाचन आयुक्त के कार्यकाल को पांच साल से घटाकर तीन साल कर दिया। पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव गोपाल कृष्ण द्विवेदी ने अध्यादेश की जानकारी देते हुए कहा कि इसके संशोधन के तहत एन रमेश कुमार का कार्यकाल 10 अप्रैल 2020 को खत्‍म हो गया। वाईएसआर कांग्रेस की सरकार और रमेश कुमार के बीच महीनों चले विवाद के बाद यह कदम उठाया गया है।

दरअसल, कोरोना वायरस प्रकोप के चलते राज्य चुनाव आयोग ने आंध्र प्रदेश में ग्रामीण तथा शहरी स्थानीय निकाय चुनाव को छह हफ्ते के लिये टाल दिया था, जिसके बाद विवाद गहरा गया था। मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी और रमेश कुमार के बीच मामला उस वक्त और गरमा गया जब, 21 और 23 मार्च को शेड्यूल ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकाय के चुनाव को चुनाव आयोग ने कोरोना वायरस का हवाला देकर स्थगति कर दिया था।

हैदराबाद: देश में कोरोना वायरस के मामलों में पिछले कुछ दिनों से काफी तेजी आई है और इनमें से अधिकतर वो लोग हैं जिन्होंने दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज में आयोजित धार्मिक समारोह में शिरकत की थी। लेकिन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी इन सबसे बिल्कुल अलग राय रखते हैं। शनिवार की शाम टेलीविजन पर अपील में जगन रेड्डी ने कहा कि देश में कोविड-19 के फैलने के लिए किसी एक धार्मिक समारोह को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं है क्योंकि कुछ ऐसी ही बैठकें अन्य धर्मों के आयोजन में भी हुई होंगी।

उन्होंने कहा, “हमारे राज्यों से कुछ कुछ लोग दिल्ली में एक धार्मिक समारोह में शिरकत करने गए जहां पर विदेश के लोग भी आए हुए थे। ऐसा कहा गया कि उनमें से कुछ लोग संक्रमित थे और ये वायरस वहां से फैला है। वहां से जो कुछ भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था। इसका मतलब यह नहीं है कि बीमारी फैलने के लिए उसी समारोह को जिम्मेदार ठहरा देना चाहिए।” जगन ने आगे कहा, “धार्मिक आयोजन अन्य जगहों पर भी रवि शंकर, जग्गी वासुदेव, माता अमृतानंदमयी, पॉल दिनकरण और जॉन वेल्से की तरफ से किया जा रहा है।

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